कोलकाता : कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार नहीं उतारेगी। यह फैसला पार्टी हाईकमान ने लिया है।
इससे कांग्रेस की राज्य इकाई निराश है। गौरतलब है कि राज्य इकाई ने गत दिनों ही ममता के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया था। बंगाल कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं का मानना है कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं व मतदाताओं में गलत संदेश जाएगा।
पार्टी को कमजोर समझा जाएगा और अन्य विरोधी दलों को उनसे आगे निकलने का मौका मिल जाएगा। इससे पार्टी के जमीनी स्तर के नेता-कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिरेगा, जो तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ते आ रहे हैं और इस लड़ाई को जारी रखना चाहते हैं।
अधीर पहले ही थे प्रत्याशी नहीं उतारने के पक्ष में बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कुछ माह पहले कहा था कि विधानसभा चुनाव में जबरदस्त बहुमत हासिल करने वाली पार्टी के मुख्यमंत्री के प्रति सौजन्यता दिखाते हुए वह उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन प्रदेश नेताओं के एक बड़े वर्ग के इससे सहमत नहीं होने पर उन्होंने अपना इरादा बदल दिया था। इसे लेकर हुई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में ममता के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया गया था।
बैठक के बाद अधीर ने यह भी कहा था कि वामदलों के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ा जाएगा। भवानीपुर में प्रत्याशी उतारने को लेकर सोमवार को कांग्रेस प्रदेश इकाई की ओर से पाटी हाईकमान को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया ।
इसलिए नाराज है कांग्रेस का राज्य नेतृत्व गत दिनों दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में नौ घंटे की पूछताछ के बाद बाहर निकलने पर ममता बनर्जी के भतीजे व टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि वह कांग्रेस नहीं है कि ईडी व सीबीआइ से डरकर घर बैठ जाएंगे। उनके इस बयान ने बंगाल कांग्रेस के नेताओं के मन में पहले से ही जल रही आग में घी की तरह काम किया है।
पहले से भी बंगाल इकाई के नेता ममता बनर्जी से काफी क्षुब्ध हैं, क्योंकि कांग्रेस को सबसे अधिक नुकसान टीएमसी ने ही पहुंचाया है। वाममोर्चा ने वकील को बनाया उम्मीदवार कांग्रेस ने भले उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा की हो, लेकिन बुधवार को वाममोर्चा ने भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में श्रीजीब विश्वास को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की है।
वह पेशे से वकील हैं। हालांकि, कई लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि वाममोर्चा समर्थित माकपा उम्मीदवार के रूप में जो चेहरा उतारा गया है, यह कहीं न कहीं ममता को वाकओवर देने जैसा ही है। अब देखने वाली बात होगी की भाजपा किसे मैदान में उतारती है।