लखनऊ । सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कोरोना वैक्सीन लगवाने के एक दिन बाद ही उनके बेटे व सपा अध्यक्ष अखिलेश ने भी यू-टर्न ले लिया है। अखिलेश ने कहा हम ‘भाजपा के टीके’ के खिलाफ थे, पर ‘भारत सरकार’ के टीके का स्वागत करते हुए हम भी टीका लगवाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि टीके की कमी से जो लोग लगवा नहीं सके थे, उनसे भी इसे लगवाने की अपील करते हैं।
कोरोना वैक्सीन को लेकर अखिलेश ने पहले कहा था कि यह ‘भाजपा का टीका’ है इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, इसलिए मैं अभी टीका नहीं लगवाने जा रहा हूं। हमारी सरकार बनेगी तो सभी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी। सोमवार को मुलायम सिंह यादव के कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद मंगलवार को अखिलेश के भी सुर बदल गए। उन्होंने मंगलवार सुबह ट्वीट कर टीका लगवाने की घोषणा कर दी। उन्होंने केंद्र सरकार के सभी को मुफ्त टीका लगवाने के फैसले पर कहा कि जनाक्रोश को देखते हुए आखिरकार सरकार ने कोरोना के टीके के राजनीतिकरण के बजाय यह निर्णय लिया है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव पर कम, अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन पर ज्यादा ध्यान दिया है। विशेषज्ञों की राय पर चलने के बजाए भाजपा बर्बादियों का उत्सव मनाती रही है। उसने हमेशा जनता को धोखे में रखा है। वैक्सीन को लेकर भाजपा सरकार ने जैसी अनिर्णय भरी लापरवाही प्रदर्शित की है, उससे कोरोना संक्रमण का संकट ज्यादा बढ़ गया। बार-बार पैंतरा बदले जाने से जनता के मन में अविश्वास भी पैदा हुआ।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने कोरोना संकट काल में भी समाजवादी पार्टी के प्रति कुप्रचार अभियान चलाए रखा। सपा का यही मानना रहा है कि गरीबों तथा अन्य सभी लोगों को फ्री वैक्सीन लगनी चाहिए। भाजपा उल्टे वैक्सीन के मामले में कई रंग बदल चुकी है। उसके कारण ही जनता में वैक्सीन के प्रति उदासीनता दिखाई दी। यह भाजपा के प्रति जनता के अविश्वास की भी द्योतक है।