भोपाल : वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी जासूसी कांड में कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा, जब भाजपा को कर्नाटक की सरकार गिरानी थी तो पेगासस का उपयोग कर रही थी।
संभव है मध्य प्रदेश में मेरी सरकार गिराने में भी कर्नाटक की तरह पेगासस का ही उपयोग किया गया हो। जो लोग (तत्कालीन कांग्रेस विधायक) बेंगलुरु में थे, वे अपने फोन से बात करने में डरते थे। उन्हें मालूम था कि फोन टेप किए जा रहे हैं।
मुझे रसोइए या अन्य कर्मचारियों के मोबाइल से फोन आते थे। कमल नाथ बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारवार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कांग्रेस सरकार के समय फोन टेप कराने के प्रश्न पर कहा कि न तो मैंने कभी ऐसा काम किया और न ही इसके लिए समय था। मुझे मुख्यमंत्री रहते पुलिस वालों ने न तो यह बताया कि इनके फोन टेप किए जा रहे हैं और न ही मैंने कहा।
15 माह की सरकार में 11 माह ही काम करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस की नहीं, बल्कि अपनी चिंता करें। वह नौ अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में जासूसी नहीं होने संबंधी शपथपत्र प्रस्तुत करें।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दे कि न तो उसने पेगासस खरीदा और न ही लाइसेंस लिया।
यदि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इसे लिया गया तो फिर यह भी साफ होना चाहिए कि नेताओं और पत्रकारों की जासूसी क्यों की गई। इस मामले की जांच विपक्ष को भरोसे में लेकर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए।