आगरा : लखनऊ और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में 450 लोगों के साथ करीब एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले साइबर गैंग के इनामी समेत तीन आरोपितों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। गैग से एसटीएफ ने 7182 लोगों का डाटा बरामद किया है।
आरोपितों के खिलाफ आगरा के खेरागढ़ थाने में मुकदमा दर्ज था। एसटीएफ नोएडा ने बुधवार को इनामी नदीम के अलावा दो अन्य आरोपितों सिद्धार्थ देवनाथ निवासी गोविंदपुरी कालका जी दिल्ली और पुनीत लाखा निवासी ओल्ड स्लैम क्वार्टर पश्चिमीपुरी, पंजाबी बाग दिल्ली को गिरफ्तार किया। पुलिस ने नदीम को संगम विहार और बाकी दोनों आरोपितों को सूरजपुर थाना क्षेत्र से दबोचा।
एसटीएफ को पूछताछ में नदीम ने बताया कि वह इंटर पास है।वह पूर्व में मोनिका उर्फ शिल्पी के साथ एक कंपनी में काम कर चुका है। वहां पर उसकी मुलाकात आस मुहम्मद से हुई थी। बाद में नौकरी छोड़कर वह एसबीआइ में टीम लीडर बन गया। यहां पर उसकी मुलाकात सुलेमान से हुई थी। सुलेमान ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड का डाटा निकालकर नदीम और मोनिका को बेचता था।
कुछ समय बाद नदीम नौकरी छोड़कर अपना काम करने लगा। इसी दौरान उसे एक बैंक के क्रेडिट कार्ड ग्राहकों का डाटा एकत्रित करने का काम मिला। इस काम के दौरान ही पुनीत लाखा और सिद्धार्थ उसके संपर्क में आए।
वह दोनों ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड डाटा उसे देने लगे। वह यह डाटा गिरोह को सौंप देता था। एसटीएफ ने आरोपित नदीम से 7182 लोगों के क्रेडिट कार्ड का डाटा बरामद किया है। गिरोह इनमें से 450 लोगों को अपना शिकार बनाकर उनसे करीब एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है।
सरगना को छह महीने पहले जेल भेज चुकी है एसटीएफ खेरागढ़ थाने में गजेंद्र निवासी भिलावली ने इस साल जनवरी को मुकदमा दर्ज कराया था। गजेंद्र के अनुसार उनके खाते से किसी ने 25 हजार रुपये निकाल लिए हैं। इसके बाद एसटीएएफ ने 26 जनवरी को साइबर गैंग का पर्दाफाश किया था। गिरोह लोगों के खातों से करोड़़ों रुपये धोखाधड़ी करके निकाल चुका था। सरगना सौरव भारद्वाज समेत तीन आरोपितों को जेल भेजा गया था।
उनसे मिली जानकारी के बाद 26 फरवरी को एसटीएफ ने गिरोह को लोगों के क्रेडिट कार्ड का डाटा बेचने वाले इनामी मोनिका उर्फ शिल्पी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में क्रेडिट कार्ड का डाटा बेचने वाले नदीम अहमद निवासी गली नंबर तीन संगम विहार,वजीराबाद दिल्ली का नाम सामने आया था।