कोविड-19 से लड़ने के लिए मिल रही विदेशी सहायता की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी : नीति आयोग

नई दिल्ली : कोरोना से निपटने के लिए विदेश से आई मदद के वितरण को लेकर कुछ खेमों से सवाल उठाए जाने पर नीति आयोग ने स्पष्ट किया है कि राज्यों को यह सामग्री देने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। अब तक 28 देशों से मदद के नाम पर दवाओं, चिकित्सा उपकरणों की 87 खेप प्राप्त हुई हैं। सरकार ने बिना देरी किए यह मदद राज्यों को भेज दी है। नीति आयोग ने बुधवार को कहा कि वितरण प्रक्रिया, मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर आधारित है।

इसके तहत अब तक सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को मदद पहुंचाई गई है। आयोग ने ट्वीट करके बताया कि विदेशी मदद के वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी, डिजिटल और एंड-टू-एंड है। हमारी प्रणाली ऐसी है कि दानदाता अपनी खेपों को ट्रैक भी कर सकते हैं। वास्तविकता यह है कि अब तक प्राप्त कुल मदद का 95 फीसद हिस्सा बिना किसी देरी के उचित लाभार्थियों तक पहुंचा दिया गया है। आयोग ने बताया कि विदेशी मदद हासिल करने के तीन चैनल हैं। सरकार से सरकार जहां मदद विदेश मंत्रालय के माध्यम से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंप दी जाती है। निजी क्षेत्र से सरकार को जो कोविड पोर्टल के जरिये दी जा सकती है। तीसरा चैनल राज्यों, गैर सरकारी संगठनों और सीएसओ के माध्यम से दान के रूप में दी जा सकती है।

राज्यों को विदेशी मदद भेजने का क्रम जारी

इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि राज्यों को विदेश से आई मदद बिना देरी किए भेजने का क्रम जारी है। मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि 27 अप्रैल से 11 मई के बीच राज्यों को 9,284 आक्सीजन कंसंट्रेटर, 7,033 आक्सीजन सिलेंडर, 19 आक्सीजन प्लांट, 5,933 वेंटिलेटर और 3.44 लाख रेमडेसिविर के इंजेक्शन व अन्य सामग्री सौंपी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेशी मदद के वितरण के लिए एक समर्पित प्रकोष्ठ बना रखा है। 

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