पाकिस्तान को तालिबान ने दिखाया आईना, कहा – ‘सरकार पर नसीहत देने का अधिकार किसी को नहीं’

इस्लामाबाद, एएनआइ : अफगानिस्तान में समावेशी सरकार के गठन को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान का तालिबान ने करारा जवाब दिया है। तालिबान ने कहा कि पाकिस्तान समेत किसी भी देश को उससे समावेशी सरकार गठित करने के लिए कहने का अधिकार नहीं है। तालिबान के प्रवक्ता और उप सूचना मंत्री जबीउल्ला मुजाहिद की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जबकि पाकिस्तान समेत कई देशों ने अफगानिस्तान में समावेशी सरकार के गठन की जरूरत बताई है।

अफगान सरकार को लेकर इमरान खान के हालिया बयान के बारे में पूछे जाने पर मुजाहिद ने डेली टाइम्स से कहा कि पाकिस्तान या किसी अन्य देश को इस्लामिक अमीरात से अफगानिस्तान में समावेशी सरकार गठित करने के लिए कहने का हक नहीं है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही इमरान खान ने कहा था कि अल्पसंख्यकों समेत सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देते हुए अफगानिस्तान में समावेशी सरकार बनाने को लेकर तालिबान के साथ पाकिस्तान ने बातचीत शुरू की है। इससे पहले तालिबान नेता मुहम्मद मोबिन ने भी इमरान खान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था, ‘क्या समावेशी सरकार का मतलब यह है कि उसमें पड़ोसी देशों के प्रतिनिधियों और जासूसों को जगह मिले।’

उज्बेक को आधिकारिक भाषा से हटाया तालिबान ने उज्बेक को आधिकारिक भाषा से हटा दिया है। तालिबान की तरफ से अफगानिस्तान सरकार को लेकर अंतरिम कानून जारी किया गया है। इसमें नई व्यवस्था स्थापित करते हुए आधिकारिक भाषा के रूप में सिर्फ पश्तो और दरी को ही रखा गया है।

पहले उज्बेक भी आधिकारिक भाषा थी। पंजशीर घाटी में आम लोगों को यातना देने के आरोपों को नकारा तालिबान ने पंजशीर घाटी में आम लोगों को पकड़ने और उन्हें यातना देने के आरोपों को भी खारिज किया है। उसने यह भी दोहराया है कि पंजशीर प्रांत सुरक्षित है। टोलो न्यूज के मुताबिक अफगान रेजिस्टेंस ने आरोप लगाया था कि तालिबान आम लोगों को गिरफ्तार कर कपिसा प्रांत की जेल में रखा है, जहां उन्हें घोर यातनाएं दी जा रही हैं।

अफगान शिक्षिकाओं को भविष्य की चिंता अफगानिस्तान में शिक्षिकाओं को भविष्य की चिंता सताने लगी है। तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने सातवीं से 12वीं तक के शिक्षकों और छात्रों को स्कूल में आने को लेकर नोटिस जारी किया है। इसमें शिक्षिकाओं और छात्राओं के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। कई शिक्षिकाओं ने कहा कि अपने परिवार में वे ही अकेले कमाने वाली सदस्य हैं।

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