लखनऊ : वर्ष 2022 में सत्ता में वापसी के लिए सेवा, समर्पण, समन्वय व सादगी से अभी से ही जुट जाना होगा। यह संदेश भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने अपने तीन दिवसीय प्रवास में दिया। शीर्ष स्तर पर बदलाव की अटकलों पर विराम लगाते हुए विपक्ष की धार कुंद करने का एक्शन प्लान भी समझाया।
वरिष्ठ मंत्रियों से अलग-अलग एकांत में वार्ता करके उनके मन की बात भी सुनी और सेवा कार्यों से जनता का दिल चुनाव से पहले जीतने पर जोर दिया। संतोष के इस दौरे ने सिद्ध कर दिया है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश को लेकर बेहद गंभीर है।
शायद यह पहला मौका रहा कि किसी राष्ट्रीय महामंत्री संगठन ने तीन दिन के प्रवास में लगभग 26 घंटे चली विभिन्न बैठकों के जरिये फीड बैक लेने के साथ हर हाल में जीत हासिल करने का स्पष्ट संदेश भी दिया।
डेढ़ दर्जन से अधिक मंत्रियों को अपने मन की बात खुलकर कहने का न केवल मौका दिया वरन विपक्ष के दुष्प्रचार के छलावे में नहीं आने को आगाह भी किया।
सेवा कार्यों को ही राजनीति का जरिया बनाने का संदेश दिया। सरकार और संगठन को क्लीन चिट बीएल संतोष ने कोरोना से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सेवा कार्यों पर संगठन की पीठ थपथपा कर बदलाव की अटकलों को विराम लगा दिया।
उन्होंने मंगलवार को देर रात ट्वीट करके योगी आदित्यनाथ के कोरोना महामारी से बचाव के प्रबंधन को न केवल सराहा वरन दिल्ली के मुख्यमंत्री पर तंज करके विरोधियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। उन्होंने संदेश दे दिया कि प्रदेश में शीर्ष स्तर पर किसी फेरबदल की कोई गुंजायश नहीं है।
इससे पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह भी बदलाव की चर्चाओं को कपोल कल्पित करार दे चुके हैं। बीएल संतोष से बंद कमरे में बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ने और 300 के पार विधायक जिताने के लक्ष्य की बात कही।