नई दिल्ली : बंगाल के सिंगुर में प्रस्तावित टाटा की नैनो कार परियोजना को आंदोलन के जरिये राज्य से बाहर जाने को मजबूर करने वाली ममता बनर्जी ने अब बुनियादी ढांचा के विकास व उद्योगों की स्थापना के लिए वैश्विक निवेश को आमंत्रित करने की दिशा में पहल की है।
इसी क्रम में बंगाल की मुख्यमंत्री ने गुरुवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और राज्य में इलेक्टि्रक वाहन उद्योग की स्थापना की इच्छा जताई। उन्होंने यह भी कहा कि उनका राज्य बांग्लादेश, नेपाल व भूटान का सीमावर्ती और पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार है, इसलिए वहां बेहतर सड़कों के नेटवर्क की जरूरत है।
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने और एक मोर्चे पर लाने की उम्मीद के साथ दिल्ली दौरे पर आईं ममता बनर्जी ने गडकरी से ताजपुर में गहरे समुद्र के बंदरगाह समेत लंबित सड़क व परिवहन परियोजनाओं पर बातचीत की।
कोलकाता से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित इस बंदरगाह में 15 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। इसे पूरा होने पर बंगाल में रोजगार के 25 हजार नए अवसर पैदा हो सकते हैं। ममता ने कहा, ‘नितिन गडकरी ने मुझे अपने मुख्य सचिव को भेजने को कहा है।
उनके महानिदेशक, लोकनिर्माण मंत्री, सचिव, परिवहन सचिव व वह ख्रुद भी वहां होंगे। मेरे मुख्य सचिव शुक्रवार को बैठक के लिए दिल्ली आ रहे हैं।
गडकरी जी की सुविधा के लिए मैं अपने मुख्य सचिव को उनसे मुलाकात करने के लिए भेज दूंगी।’ गडकरी के कार्यालय ने भी ट्वीट के जरिये इस मुलाकात की जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत बंगाल में ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर केंद्रीय मंत्री को एक रिपोर्ट भी सौंपी। वह जल्द ही पेट्रोलियम, विमानन, रेलवे और वाणिज्य जैसे अहम विभागों के मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगी। –