मर्डर केस में पहलवान सुशील कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज

नई दिल्ली :  माडल टाउन स्थित फ्लैट के महज एक महीने के किराये के विवाद को लेकर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या की गई थी। पुलिस ने इस मामले में ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार को मुख्य आरोपित बनाया है। घटना के बाद से फरार सुशील अब अदालत से राहत पाने की कोशिशों में जुटा है, हालांकि राहत मिलती दिख नहीं रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, माडल टाउन स्थित जिस डी-10/6 फ्लैट के किराये को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, वह सुशील की पत्नी के नाम पर है।

रघुबीर नाम के एक व्यक्ति ने कुछ साल पहले सागर को यह फ्लैट किराये पर दिलवाया था। उसमें सागर के अलावा सोनू, भक्तु व अमित भी रहते थे। चारों ने खाना बनाने के लिए एक घरेलू सहायक विकास नेपाली को रखा था। भक्तु व अमित को छत्रसाल स्टेडियम में भी छात्रावास मिला हुआ है। सोनू ने कुछ महीने पहले कहीं दूसरी जगह फ्लैट ले लिया था, लेकिन अक्सर सागर के फ्लैट में उसका आना-जाना था।

इन पहलवानों को भी बाद में पता चला कि फ्लैट सुशील की पत्नी सावी के नाम पर है। अप्रैल में 40 हजार रुपये किराया नहीं देने पर रघुबीर ने सागर को फ्लैट खाली कर देने को कहा। इस पर सभी फ्लैट खाली कर दूसरे फ्लैट एम 2/1 चौथी मंजिल, माडल टाउन में आकर रहने लगे। रघुबीर के किराया मांगने पर सागर और सोनू ने सुशील से बात करके किराया दे देने की बात कही।

किराया नहीं मिलने पर सुशील का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। विगत चार मई की रात एक बजे वह चार कारों से अपने साथियों के साथ सागर के फ्लैट के नीचे पहुंच गया। सुशील सफेद रंग की होंडा सिटी में था। सुशील के करीबी साथी अजय ने चौथी मंजिल पर जाकर सागर व अन्य से कहा कि सुशील नीचे कार में है और सभी को बुला रहा है। चारों नीचे आ गए।

सुशील से साथ बैठे व्यक्ति ने पिस्टल दिखाते हुए चारों को अलग-अलग कारों में बैठ जाने को कहा। कार सवार सभी के पास हाकी स्टिक, लोहे की राड, डंडे और हथियार थे। चारों को अगवा कर वहां से छत्रसाल स्टेडियम ले जाया गया। यहां सुशील ने सागर के साथ गाली-गलौज की तो विवाद बढ़ गया। इसके बाद सभी ने सागर को बुरी तरह पीटा। इसके चलते अस्पताल में उपचार के दौरान सागर की मौत हो गई।

पुलिस से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा सुशील पुलिस से बचने के लिए सुशील लगातार ठिकाने बदल रहा है। लोकेशन के आधार पर अभी तक उसके हरिद्वार के एक आश्रम में छिपे होने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन अब उसके हरियाणा में ही छिपे होने की बात कही जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हरिद्वार स्थित एक बाबा के आश्रम में छोड़ने वाले भूरा को उसने पांच मई की रात ही वापस भेज दिया। अगले दिन स्वयं भी किसी अन्य के साथ बहादुरगढ़ आ गया था। बहादुरगढ़ में सुशील इंटरनेशनल नाम से उसका स्कूल है। इसे उसका भाई मंजीत चलाता है।

स्कूल में भी सुशील एक दिन रुका और इसके बाद वह दो दिन हरियाणा में एक करीबी के यहां भी ठहरा। पुलिस का कहना है कि वह सुशील के एक अन्य भाई अमरजीत के संपर्क में है, लेकिन मंजीत घटना के बाद से फरार है। पुलिस को शक है कि सुशील के साथ रहकर मंजीत उसके छिपने के सभी ठिकानों का बंदोबस्त कर रहा है। सुशील दिल्ली और हरियाणा के कई पुलिसकर्मियों के संपर्क में है। वाट्सएप काल के जरिये वह करीबियों से बात कर रहा है।

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