यूपी में एक ही रंग की होंगी शहर के मुख्य मार्गों की इमारतें, सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

लखनऊ :  सन 1876 में जयपुर पहुंचे वेल्स के राजकुमार और महारानी विक्टोरिया के स्वागत में वहां के भवनों को गुलाबी रंग में क्या रंगा गया, आवभगत के उस तौर-तरीके ने परंपरा और व्यवस्था का रूप लेकर जयपुर को दुनिया में गुलाबी नगरी के रूप में प्रसिद्ध कर दिया। एकरूपता का ऐसा ही रंग अब उत्तर प्रदेश के शहरों में भी नजर आएगा। मुख्य मार्गों पर स्थित आवासीय और व्यावसायिक भवनों के बाहरी हिस्से को विकास प्राधिकरण द्वारा तय रंग में ही रंगना होगा। प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरी झंडी दे चुके हैं।

आवास एवं शहरी नियोजन विभाग जल्द ही आदेश जारी करने वाला है। दरअसल, उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 12(क) के तहत शहर के मुख्य मार्गों से सटे भवनों के बाहरी हिस्से के अनुरक्षण व मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने पहली बार माडल उपविधि (बाइलाज) तैयार की है।

आवास विभाग द्वारा तैयार उपविधि को विभागीय मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार ने बताया कि जल्द ही संबंधित आदेश जारी कर दिया जाएगा। विकास प्राधिकरणों को बोर्ड के माध्यम से अपने-अपने शहर में उपविधि को लागू करना होगा।

उपविधि के लागू होने पर भवन स्वामियों (अध्यासी) को शहर के मुख्य मार्गों के गैर आवासीय या आंशिक रूप से आवासीय व गैर आवासीय भवनों में एकरूपता के लिए उनके बाहरी हिस्से (अग्रभाग) की तय रंग से ही रंगाई करानी होगी। इसके लिए भवन स्वामियों को छह माह की मोहलत मिलेगी। रंगाई का खर्च खुद भवन स्वामियों को उठाना होगा।

संबंधित शहर के विकास प्राधिकरण को मुख्य मार्गों का चयन करने के साथ ही रंग तय कर भवन स्वामियों को प्रचार माध्यमों से बताना होगा। आवासीय कालोनियों या ऐसे मार्ग, जिन पर सिर्फ आवासीय भवन हैं, उनका चयन नहीं करना होगा।

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