सीएम शिवराज का जनता के नाम संदेश- कोरोना के खिलाफ लड़ाई नहीं, ये युद्ध है; हम सभी को मिलकर लड़ना पड़ेगा
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भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रभारी मंत्री होम आयसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों से फोन के माध्यम से सम्पर्क में रहें। इससे डिस्ट्रिक्ट कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर की व्यवस्थाओं को सजग और निरंतर सक्रिय बनाने में मदद मिलेगी। होम आयसोलेशन और कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था को बेहतर बनाकर इनमें जनता का विश्वास जगाना आवश्यक है। इससे कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों पर बढ़ रहे बोझ को कम करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री  ने कहा कि संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए जिले से लेकर प्रत्येक गाँव में 30 अप्रैल तक जनता कर्फ्यू का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। प्रभारी मंत्री इसके लिए सभी स्तरों पर आवश्यक वातावरण बनायें। इस संबंध में किसी भी स्तर पर कोई ढिलाई नहीं की जाए। मुख्यमंत्री  की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण पर आयोजित मंत्रि-परिषद की आपात बैठक में उक्त आशय के निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास से बैठक को वर्चुअली संबोधित किया। बैठक वंदे मातरम गान के साथ आरंभ हुई। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य  मोहम्मद सुलेमान ने मंत्रि-परिषद के सम्मुख प्रदेश में कोरोना की स्थिति के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।

मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रतिष्ठित निजी चिकित्सकों की सलाह, मार्गदर्शन और काउंसलिंग होम आयसोलेशन में रह रहे मरीजों को मिल सके, इसकी व्यवस्था सभी जिलों में सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही होम आयसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों को बेहतर कॉउंसलिंग और आवश्यक व्यवस्थाएँ उपलब्ध कराने में जन-अभियान परिषद के माध्यम से कोरोना वॉलेंटियर्स का सहयोग लिया जाएगा।

विकासखंड और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर कोविड केयर सेंटर की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। इन केन्द्रों पर कुछ ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था भी रहेगी। वर्तमान में 136 कोविड केयर सेंटर संचालित हैं। आवश्यकता होने पर इनमें वृद्धि की जाएगी। इन केन्द्रों में आयुष के स्टॉफ को दायित्व सौंपा जाएगा। इनमें इलाज, देखभाल, सफाई और भोजन आदि की बेहतर व्यवस्था स्थापित की जाएगी, जिससे इन केन्द्रों पर जनता का विश्वास विकसित हो।

मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि सभी जिला अस्पतालों में कोविड-19 के उपचार की आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएंगी। बुरहानपुर, खण्डवा, छिंदवाड़ा सहित अन्य जिन जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या नियंत्रित हुई है, उन जिलों में हुए नवाचारों और वहाँ स्थापित की गई व्यवस्थाओं के संबंध में अन्य जिलों को जानकारी दी जाएगी, जिससे संबंधित जिले अपनी परिस्थितियों के अनुरूप तद्नुसार व्यवस्थाएँ स्थापित करें।

मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग के संबंध में वरिष्ठ चिकित्सकों तथा विशेषज्ञों की सलाह से प्रोटोकॉल विकसित किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को सौंपी गई है।

मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि प्रदेश में 18 साल से ऊपर के उम्र वालों को भी टीका लगाया जाएगा। प्रदेश में अधिक से अधिक व्यक्तियों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए अभियान को गति दी जाएगी।

मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि अस्पतालों में कोरोना सहायता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इन केन्द्रों पर सर्दी, खाँसी, जुकाम के मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराने और इलाज के लिए सलाह दी जाएगी।

हरिद्वार कुंभ से लौट रहे व्यक्तियों और अन्य राज्यों से आ रहे लोगों की जाँच करने और ग्राम स्तर पर उन्हें क्वारेंटाइन करने की उपयुक्त व्यवस्था स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि जिन विकासखंडों में कोरोना संक्रमित व्यक्ति तथा सर्दी, जुकाम और खांसी से प्रभावित व्यक्तियों की संख्या अधिक है वहाँ किल कोरोना अभियान-2 चलाया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा स्वास्थ्य विभाग अमले के सहयोग से घर-घर सर्वे कर प्रभावित व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों को मेडिकल किट उपलब्ध कराने, उपयुक्त जाँच कराने और आवश्यकता होने पर उनके होम आयसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। गाँवों में चौकीदारों को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी कि वे सर्दी, जुकाम से प्रभावित व्यक्तियों की तत्काल सूचना दें।

मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि कोरोना संक्रमण और उससे बचाव के संबंध में सही जानकारी उपलब्ध कराने और जन-जागरूकता के लिए पेम्फलेट विकसित कर वितरण कराया जाएगा। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा वितरण कार्यक्रम तथा योग से निरोग कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। इसके साथ ही मीडिया में सकारात्मक, तथ्यपरक और सही जानकारी आए, इसके लिए जिला स्तर पर व्यवस्था स्थापित की जाएगी।

मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के विरूद्ध युद्ध में लगे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की समानंतर व्यवस्था विकसित करने के लिए पात्र व्यक्तियों के आवश्यक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के उत्साह को बनाए रखने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।

मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि गावों में कोरोना संक्रमण की संभावनाओं को कम करने के लिए पृथक उप स्वास्थ्य केन्द्रों में डिलेवरी की व्यवस्था की जाएगी, इससे प्रसूताओं को संक्रमण की संभावना से बचाया जा सकेगा। मंत्रि-परिषद ने राशन दुकानदारों के टीकाकरण के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने की संभावना पर विचार किया।

 

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