मुंबई : महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश के चलते उत्पन्न अन्य घटनाओं के बाद 100 लोग अब भी लापता हैं। राज्य सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि इन घटनाओं में 50 लोग घायल भी हुए हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाढ़ से प्रभावित रत्नागिरी जिले के चिपलूण शहर का दौरा किया। स्थानीय लोगों के एक समूह ने मुख्यमंत्री का काफिला रोककर उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और दुकानदारों से बात की और हालात सामान्य बनाने के लिए लोगों को राज्य सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि स्थिति से निपटने के दीर्घकालीन उपायों के लिए केंद्र सरकार से मदद की जरूरत होगी।
इस बीच, रायगढ़, रत्नागिरी और सतारा जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें राहत और बचाव अभियान में लगी हुई हैं। अब तक 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। शनिवार को बारिश रुकने के बावजूद सांगली में कृष्णा और कोल्हापुर में पंचगंगा नदी में बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
ठाणे नगरपालिका के एक सौ से ज्यादा कर्मचारी रायगढ़ जिले के महाड-पोलादपुर के लिए रवाना हो चुके हैं। ये कर्मचारी कचरा हटाने के साथ-साथ जलापूर्ति सामान्य करने का प्रयास करेंगे। ठाणे के नगर आयुक्त विपिन शर्मा ने बताया कि इस समूह में स्वास्थ्य कर्मचारी भी हैं, जो कोरोना, डेंगू, लेप्टोस्पिरोसिस और बुखार का पता लगाएंगे।
स्वास्थ्य कर्मचारी अपने साथ 10 हजार रैपिड एंटीजन टेस्टिंग किट और पर्याप्त दवाएं लेकर गए हैं। सेना के तीनों अंगों के बीच बाढ़ राहत के कार्यों में समन्वय के लिए नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग में वार रूम का गठन किया गया है।
आइएएनएस के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बारिश से प्रभावित पश्चिमी और तटीय महाराष्ट्र के लोगों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। महाड के निकट तालिये गांव का दौरा करने पहुंचे राणे ने कहा कि केंद्र निश्चित रूप से राज्य सरकार की मदद करेगा और इस गांव को फिर से बसाएगा।