नई दिल्ली : पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड के मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार और उसके साथी अजय सहरावत को मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास से पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों 18 दिनों से पुलिस को चकमा दे रहे थे। रोहिणी कोर्ट ने दोनों को छह दिन की रिमांड पर पुलिस के हवाले कर दिया। अब क्राइम ब्रांच मामले की जांच करेगी। यह दुर्योग ही है कि 23 मई को विश्व कुश्ती दिवस के दिन कुश्ती में देश को ओलंपिक पदक दिलाने वाले सुशील कुमार की हत्या जैसे संगीन आरोप में गिरफ्तारी हुई है। सुशील ने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य, लंदन ओलंपिक में रजत व मास्को विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक, रविवार सुबह स्पेशल सेल को सूचना मिली कि सुशील और अजय सहरावत स्कूटी से किसी साथी से मिलने सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास पहुंचने वाले हैं। इसके बाद एसीपी अतर सिंह, इंस्पेक्टर शिव कुमार और कर्मवीर के नेतृत्व में एसआइ राजेश कुमार की टीम ने 9.15 बजे दोनों को मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया। स्कूटी अजय चला रहा था। पुलिस से बचने के लिए अब तक ये अलग-अलग वाहनों से इधर-उधर भाग रहे थे। सुशील दिल्ली के बापरौला गांव और अजय सहरावत बक्करवाला गांव का रहने वाला है। कई पुरस्कारों से सम्मानित सुशील को पद्मश्री, राजीव गांधी खेल रत्न व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं, अजय छत्रसाल स्टेडियम में शारीरिक व्यायाम का शिक्षक है। उसके पिता बक्करवाला से कांग्रेस सेनिगम पार्षद हैं। पुलिस ने रखा था इनाम सागर की हत्या के बाद फरार हुए सुशील की गिरफ्तारी पर पुलिस आयुक्त ने एक लाख रुपये और अजय पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था। रोहिणी कोर्ट से सुशील व अजय सहित पांच अन्य आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। उसके विदेश भागने की आशंका को देखते हुए पासपोर्ट जब्त कर लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। आत्मसमर्पण की भी चर्चा हालांकि, सुशील के करीबियों का कहना है कि स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त सागरप्रीत हुड्डा के प्रयास से दोनों ने समर्पण किया है। भाजपा नेता विजय गोयल और राज्यवर्धन राठौर के खेल मंत्री रहने के दौरान हुड्डा खेल मंत्रालय में निदेशक पद पर थे। उन्हें सुशील का खास माना जाता है।