Amarnath Yatra 2021 : अमरनाथ यात्रा पर कोरोना संकट गहराया, रद हो सकती है वार्षिक यात्रा

श्रीनगर : श्री अमरनाथ तीर्थयात्रा 2021 पर फिर कोरोना का संकट गहरा गया है। संबंधित प्रशासन यात्रा रद करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। ऐसी स्थिति में पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरि सनातन परंपराओं के मुताबिक, पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी की वार्षिक पूजा के लिए छड़ी मुबारक संग जा सकेंगे। अलबत्ता, अंतिम फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में होने वाली श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा।

इस बीच, बोर्ड के कुछ सदस्यों के अलावा प्रदेश प्रशासन का एक वर्ग हालात में बेहतरी के आधार पर हेलीकाप्टर से सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति के विकल्प पर विचार करने पर जोर दे रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ भी संवाद किया जा रहा : सूत्रों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और प्रदेश सरकार यात्रा को आम श्रद्धालुओं के लिए रद करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।इस विषय में संबंधित लोगों के साथ लगातार विचार विमर्श चल रहा है।

केंद्रीय गृहमंत्रालय के साथ भी संवाद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पवित्र गुफा के आस-पास अभी तक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कोई बड़ा ढांचा भी तैयार नहीं किया है। अलबत्ता, सुरक्षाबलों का एक दस्ता रेकी के लिए जरूर पवित्र गुफा तक गया है।

पहलगाम-चंदनबाड़ी-शेषनाग-पवित्र गुफा मार्ग की सफाई भी नहीं हुई है। इस रास्ते पर कई जगह अभी भी बर्फ की मोटी चादर है और उस पर न पैदल चला जा सकता है और न घोड़े अथवा पालकी में सवारी कर यात्रा की जा सकती है। बर्फ हटाने और रास्ता तैयार करने के लिए कम स कम एक माह का समय चाहिए। इसके विपरीत बालटाल मार्ग पर स्थिति कुछ बेहतर है।

उन्होंने बताया कि बोर्ड के कुछ सदस्य और प्रदेश प्रशासन से जुड़े एक वर्ग विशेष के अनुसार, यात्रा को पूरी तर रदद नहीं किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में कोई भी अंतिम फैसला लेने से पूर्व अभी कुछ दिन और इंतजार करना चाहिए। इनके मुताबिक, जून के मध्य तक कोरोना संक्रमण की लहर में कमी आ सकती। उसके बाद सीमित संख्या में हेलीकाप्टर के जरिये श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति देने के विकल्प को अपनाया जा सकता है।

यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण पहली अप्रैल को शुरू किया था। देश के विभिन्न हिस्सों की तरह प्रदेश में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 22 अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया था। यात्रा 28 जून से शुरू होनी थी और 22 अगस्त का रक्षाबंधन की सुबह श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर संपन्न होनी थी। बता दें कि पिछले साल भी यात्रा रद कर दी थी।

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