22 रुपये का एंटी बायोटिक इंजेक्शन को रेमडेसिविर बता चार हजार में बेचा, चार करोड़ कमाए

पानीपत : नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मुख्य आरोपित उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खुड्डा गांव के मुहम्मद शहवार को पानीपत पुलिस पंजाब के रोपड़ की जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाई है। शहवार को अदालत में पेश कर सात दिन की रिमांड पर लिया है।

पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि 22 रुपये में एंटी बायोटिक इंजेक्शन खरीदता था। उस पर रेमडेसिविर का रैपर लगाते। चार हजार रुपये प्रति इंजेक्शन बेचते। पानीपत, रेवाड़ी, चंडीगढ़, रुड़की सहित कई शहरों में 10 हजार इंजेक्शन बेच चुका था। मोटे तौर पर चार करोड़ रुपये कमा चुका था।

गिरफ्तारी से पहले तक वह चंडीगढ़ में रह रहा था। क्राइम इन्वेस्टिगेशन प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल छिल्लर ने बताया कि तीन मई को सेक्टर 13-17 से गौरव जैन को चार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित गिरफ्तार किया था। गौरव ने बताया कि वह इंजेक्शन बीएएमएस डाक्टर योगेश से लेकर आया था।

उसको एक इंजेक्शन पर दो हजार रुपये का कमीशन मिला था। योगेश बरसत रोड पर एक गोशाला मे डिस्पेंसरी पर नौकरी करता है। योगेश को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने बताया कि इंजेक्शन सेक्टर-6 के दिलबाग से खरीदे थे।

दिलबाग का खन्ना रोड पर दवा का होलसेल का स्टोर है। दिलबाग से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह प्रदीप से इंजेक्शन खरीद कर लाया था। वहीं आरोपित प्रदीप को पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया हुआ था।

प्रदीप सनौली रोड स्थित हैदराबादी अस्पताल में मेडिकल स्टोर चलाता था। प्रदीप ने पूछताछ में बताया कि उसे इंजेक्शन मुहम्मद शहवार व उसका मामा सप्लाई करता था।

मुहम्मद शहवार ठिकाने बदल-बदल कर रहा था। गत दिनों उसे नकली इंजेक्शन सप्लाई करने के मामले में पंजाब की रोपड़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तभी से रोपड़ जेल में बंद था।

कंपनी ने 35 लाख रुपये उधार के काटे तो खुद नकली इंजेक्शन तैयार कर लिए इंस्पेक्टर अनिल छिल्लर ने बताया कि बीएससी पास मुहम्मद शहवार को दवा की जानकारी थी। उसने चंडीगढ़ में फार्मा कंपनी बनाई। हिमाचल की निक्सी लैब कंपनी के खाते में 35 लाख रुपये ट्रांसफर कर 50 हजार एंटी बायोटिक इंजेक्शन भेजने के लिए ईमेल किया।

कंपनी ने पहले की उधार काट ली। इसके बाद शहवार ने हिमाचल के काला अंब स्थित एक दवा कपंनी से 12000 एंटी बायोटिक खरीदे। इंजेक्शन को अपने घर पर रात को टब में डाल दिया।

इंजेक्शन के रैपर उतर गए। एक प्रिंटिग प्रेस से रेमडेसिविर के रैपर तैयार कराए और इंजेक्शन पर चिपका कर बेच दिए। इन इंजेक्शन को जानकारों पर इस्तेमाल किया तो बुखार उतर गया।

इसके बाद सप्लाई शुरू कर दी। पानीपत में प्रदीप था मुख्य प्लायर मुहम्मद शहवार ने सबसे पहले रेवाड़ी में 3000 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे। इसके बाद पानीपत में दवा के थोक विक्रेता प्रदीप के माध्यम से 4000 इंजेक्शन बेच दिए।

इसी तरह से दिल्ली में 800, चंडीगढ़ में 500, उत्तराखंड के रुड़की में 700 और रोपड़ में भी 1000 से ज्यादा इंजेक्शन बेच दिए। उसके कई साथी पकड़े गए तो 2000 इंजेक्शन नहर में फेंक दिए। आगे तस्करों ने एक इंजेक्शन 30-30 हजार रुपये में बेचा।

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