CM शिवराज ने बुलाई अफसरों की आपात बैठक : सिर्फ सघन आबादी वाले शहरी इलाकों में लंबा लॉकडाउन लगाने पर विचार

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की जनता की स्वास्थ्य रक्षा सरकार का दायित्व है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और संक्रमित नागरिकों के बेहतर से बेहतर उपचार का कार्य सुनिश्चित किया जा रहा है। ऑक्सीजन की कमी या अन्य अफवाहों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन प्रदेश में उपलब्ध बिस्तर क्षमता और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी प्रदान करे। मुख्यमंत्री चौहान ने आज शाम मंत्रालय में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिये कि कोविड केयर सेंटर्स अधिक सक्षम बनाये जायें। इनमें आइसोलेशन की व्यवस्था के साथ ही अन्य व्यवस्थायें भी मजबूत की जायें।

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान और अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा उपस्थित थे।

सांसद, विधायक निधि के उपयोग पर भी विचार

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए विषम परिस्थितियों की कल्पना कर अच्छे से अच्छे प्रबंध करने के निर्देश पूर्व में भी दे चुके हैं। इसके अनुरूप विभिन्न व्यवस्थायें सुनिश्चित की जा रही हैं। व्यवस्थाओं में कहीं कमी न हो, न ही कोई अफरा-तफरी मचे, जिम्मेदार अधिकारियों की यही ड्यूटी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा कोरोना नियंत्रण की व्यवस्थाओं के लिए राशि की कोई कमी आड़े नहीं आयेगी। अनेक विधायक एवं सांसद अपनी निधि से भी स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार के लिए सहमत हैं। इस संबंध में विचार विमर्श कर निर्णय लिया जायेगा।  

अधिकारियों को दायित्व मिले, बढ़ी ऑक्सीजन आपूर्ति

बैठक में जानकारी दी गई कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए प्रत्येक मोर्चे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पर्याप्त ऑक्सीजन व्यवस्था, बिस्तरों की संख्या में वृद्धि, रेमिडिसीवर इंजेक्शन की आपूर्ति प्राथमिकता से की जा रही है। इसके लिए राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, प्रबंध संचालक राज्य सहकारी विपणन संघ, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन और आयुक्त खाद्य सुरक्षा पी. नरहरि को दायित्व सौंपे गये हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की वर्तमान खपत 234 मेट्रिक टन है। इसके मुकाबले 264 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध है। बोकारो, राउरकेला स्टील प्लांट से भी अतिरिक्त ऑक्सीजन के लिए चर्चा हो चुकी है। भिलाई से भी ऑक्सीजन टेंकर मध्यप्रदेश आ रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के ही एमएसएमई सेक्टर से 80 मीट्रिक टन की आपूर्ति संभव हुई है।

सिर्फ सघन आबादी वाले नगरीय क्षेत्रों में दीर्घ अवधि के लॉकडाउन पर विचार

प्रदेश में सिर्फ सघन आबादी क्षेत्र में अधिक दिन तक  लॉकडाउन की व्यवस्था कोलार क्षेत्र भोपाल से प्रारंभ की गई है। प्रदेश के शेष नगरीय क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को लॉक डाउन रखने पर सहमति हुई है। सभी शहरों में कोरोना कर्फ्यू की अवधि शुक्रवार की शाम 6 बजे से सोमवार की सुबह 6 बजे तक रखी गई है। यही व्यवस्था जारी रहेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लॉकडाउन के स्थान पर कोरोना कर्फ्यू शब्द का प्रयोग किया जाए। इससे लोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण के लिये छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाये जाये। जिलों की स्थिति अनुसार बड़े कंटेनमेंट जोन भी बनाये जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री के अन्य निर्देश

  • कोविड केयर सेंटर अधिक सक्षम बनाए जाएँ। इनमें आइसोलेशन की व्यवस्था के साथ ही ऑक्सीजन और अन्य मेडिकल व्यवस्थाएँ भी हो। आम जनता को बेड, इंजेक्शन और दवाओं की प्रतिदिन जानकारी सार्वजनिक रूप से दी जाए।

  • प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के कार्यों को और प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

  • जन-जागरूकता के कार्यों में भी तेजी आए।

  • प्रदेश में पंजीकृत 82 हजार वालेंटियर्स को दायित्व दिया जाए। वालेंटियर्स मास्क उपयोग जागरूकता, रोको टोको जैसे कार्य करें।  विशेष ऐप निर्मित कर व्यवस्थाओं को रिव्यू किया जाए।

  • वेक्सीनेशन अभियान को गति दी जाए।

  • प्रदेश में 11 से 14 अप्रैल टीका उत्सव की तैयारियाँ पूरी करें।

  • पुलिस प्रशासन, जन अभियान परिषद और अन्य संगठन समन्वय का कार्य करें। वालेंटियर जनता और सरकार के बीच सेतु हैं। इनकी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित की जाए।

  • मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा सभी व्यवस्थाएँ सक्षम ढंग से करें।  उत्तम से उत्तम प्रबंध सुनिश्चित किए जाएँ। आम जनता को कोई तकलीफ नहीं होना चाहिए।

  • प्रतिदिन मीडिया  के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कोरोना नियंत्रण की जानकारियाँ प्रदान करें।

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