लखनऊ। वैश्विक महामारी से मौतों के बाद जहां शवों की अंत्येष्टि के लिए पैसे नहीं, वहां लोग गंगा में जलप्रवाह कर दे रहे। गुरुवार को वाराणसी, चंदौली व गाजीपुर में गंगा में 20 शव उतराते मिले। बता दें कि बीते कुछ दिन में बिहार में बक्सर और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गंगा नदी में कई शव मिलने से हड़कंप मच गया था।
शवों का पोस्टमॉर्टम कराकर उन्हें गंगा तट पर दफनाया गया। वाराणसी के उपनगर रामनगर के अंतर्गत सूजाबाद गांव के समीप गंगा में गुरुवार को छह शव मिले। शवों को पत्थर व बालू भरे बोरे से बांधकर गंगा में फेंका गया था। ग्रामीणों का मानना है कि कोरोना मरीजों की मौत के बाद शवों को जलाने के बजाय नदियों में बहाया जा रहा है।
इससे दूसरी समस्या खड़ी होने का भय सता रहा है। चंदौली में उतराए आठ शव : चंदौली के बड़ौरा गांव के समीप गंगा में गुरुवार की दोपहर आठ शव उतराने से ग्रामीणों में खलबली मच गई। अधिकारियों ने गोताखोरों की मदद से शवों को पानी से बाहर निकलवाया। जेसीबी से गड्ढा खोदवाकर गंगा किनारे दफन कराया गया। वहीं गाजीपुर जिले के गहमर, बारा व धरम्मरपुर के बाद अब गुरुवार को कोतवाली क्षेत्र के दैत्रावीर मंदिर के पास गंगा किनारे छह शव मिले। अधिकारियों ने शवों को गंगा से निकलवाकर दफन कराया। गंगा घाटों पर और सख्ती बढ़ा दी गई है।
पटना के गंगा घाटों पर भी बहकर आ रहे शव : पटना में गंगा पाथवे के किनारे बाहर से शव बहकर आ रहे हैं। तीन दिनों के अंदर चार शव मिले हैं। पटना में गुलबीघाट के किनारे गंगा में एक संक्रमित व्यक्ति का पीपीई किट में शव मिला। इसके निकट तीन साल के बच्चे का शव भी मिला। पटना नगर निगम के कर्मियों ने सुल्तानगंज थाने को सूचना दी तो पुलिस ने शव बाहर निकलवाया। शव सड़ चुका था। निगम कर्मियों ने विद्युत शवदाह गृह में शव का अंतिम संस्कार किया। बच्चे की भी अंत्येष्टि की गई। शव मिलने की खबर से गुलबीघाट पर अफरातफरी मच गई। दो दिन पहले एक शव रानीघाट तथा तथा एक शव लॉ कालेज घाट पर मिला था। पुलिस की उपस्थिति में दोनों का दाह संस्कार किया गया था।