बाढ़ ने बिहार में मचाई तबाही, घरों में भरा पानी, छतों पर रहकर लोग गुजार रहे दिन-रात

Bihar Patna News : पटना । बिहार में बाढ़ का कहर जारी रहा। उत्तर बिहार में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ से घिरे पूर्व बिहार में गंगा में पानी घट रहा है। हालांकि, कटिहार में गंगा और कोसी खतरे के निशान के पार बह रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई जगह सड़कों पर पानी बहने के कारण आवागमन ठप है।

पशुपालकों को पशुचारे की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। कई लोग घरों की छत पर शरण लिए हुए हैं। पश्चिम चंपारण में नदियों का कटाव जारी है। गंडक बराज से शाम तक एक लाख 44 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पूर्वी चंपारण के सुगौली, आदापुर और पताही में पानी जमा है। देवापुर-शिवहर मार्ग पर तीसरे दिन भी आवागमन बाधित रहा।

मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड के दो दर्जन गांव फिर बाढ़ से घिर गए हैं। धौंस, खिरोई, थुम्हानी और कोकरा नदी में उफान से खतरा बढ़ गया है। कई सड़कों पर पानी बह रहा है। समस्तीपुर में गंगा का जलस्तर स्थिर है। सीतामढ़ी के परिहार, बेलसंड के कई गांव पानी से घिरे हैं।

मुजफ्फरपुर में बाढ़ और बारिश के कारण जिले के छह प्रखंडों में बागमती, लखनदेई, मानुषमारा के कहर से लोग परेशान हैं। भागलपुर में बुधवार को भी गंगा के तेवर नरम नहीं पड़े। गंगा के जलस्तर में कमी नहीं आई है। सबौर-कहलगांव मार्ग (एनएच 80) पर कई जगहों पर गंगा का पानी बह रहा है।

इधर आपदा को लेकर नेपाल के पूर्व राष्ट्रपति डा. रामवरण यादव ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच सदियों से बेटी-रोटी का संबंध रहा है। यह सबंध आज भी कायम है। राजा विदेह ने राजा दशरथ के साथ जो नाता जोड़ा, वह आज भी कायम है। दोनों देश की संस्कृति समान है।

कभी इन दोनों देशों में आने-जाने के लिए कोई वीजा का प्रविधान नहीं रहा है। भारत-नेपाल के बीच होने वाली हर गतिविधि का असर एक-दूसरे पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि नेपाल का भौगोलिक परिदृश्य पहाड़ों से जुड़ा है।

जहां से ढलान से होते हुए वर्षा का पानी भारतीय सीमा में प्रवेश कर तबाही मचाता है। दोनों देशों की सरकारों और प्रतिनिधियों से अपील है कि बाढ़ और सुखाड़ के स्थायी निदान के लिए संयुक्त रूप से पहल करें। इससे दोनों राष्ट्रों का कल्याण होगा।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter