मां का दूध शिशु के लिए अमृत के समान है, चिकित्सा महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में कलेक्टर हुए शामिल

Datia news : दतिया। शिशु के लिए मां का दूध अमृत के समान है। जन्म से लेकर 6 माह तक के बच्चों को मां का ही दूध देना चाहिए। जिससे उन्हें पर्याप्त पोषण मिल सके। यह बात कलेक्टर संजय कुमार ने शनिवार को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में आयोजित एक दिवसीय मदर्स एब्सोल्यूट अफेक्शन कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कही।

कलेक्टर ने कहाकि कार्यशाला में दी गई जानकारी को मूर्त रूप में लाएं, जिससे स्वस्थ्य समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने कहाकि बच्चे देश का भविष्य है अतः हमें बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यशाला में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डा. राजेश गौर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरबी कुरेले, सिविल सर्जन डा. केसी राठौर, डीपीओ अरविंद उपाध्याय, डा. मनीष अजमेरिया, डा. प्रदीप उपाध्याय, डा. डीके गुप्ता, डा. पीके शर्मा सहित 45 नर्सिंग स्टॉफ ने भी भाग लिया।

कार्यशाला को प्रशिक्षक एवं पैन सोसायटी के अध्यक्ष एवं शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.राजेश गुप्ता और डा. सृष्टि भगत ग्वालियर ने भी संबोधित किया। डा. रावत ने बताया कि 6 माह तक के शिशु के लिए मां के दूध से बढ़कर कोई आहार नहीं है। डा. राजेश गुप्ता ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहाकि 6 माह से छोटे बच्चों को मां के दूध के अतिरिक्त कुछ भी देना और बोतल से दूध पिलाना बीमारियों को आमंत्रण देना है।

कार्यशाला में जानकारी दी गई कि नवजात शिशुओं को जन्म के एक घंटे बाद मां का दूध 6 माह तक पिलाया जाए। 6 माह के पहले शिशु को पानी, घुट्टी, शहद जैसी चीजें न दी जाए। 6 माह की उम्र के बाद ही शिशु को उचित पूरक आहार के साथ मां का दूध कम से कम दो वर्ष तक जारी रखा जाना चाहिए। यह बात हमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं तक पहुंचाना है।

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