कोरोना के बीच ब्लैक फंगस का खतरा: मरीजों की तेजी से बढ़ रही है संख्या, जानें लक्षण और बचाव, इन 13 राज्यों में जानलेवा बीमारी ने दी दस्तक

भोपाल : छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा व पंजाब में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का खतरा बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में रायपुर के चार अस्पतालों में 30 से अधिक मरीज मिले हैं। वहीं, रामकृष्ण अस्पताल में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस की वजह से रायपुर निवासी 40 वर्षीया एक महिला के आंख की रोशनी चली गई। मध्य प्रदेश के इंदौर में अब तक चार और नरसिंहपुर में एक मरीज की मौत हो गई है। छत्तीसगढ़ में अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले संक्रमित महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में ब्लैक फंगस की पहचान की गई। इस बीच महिला की एक आंख की रोशनी चली गई है।

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यह है प्रमुख लक्षण
– नाक बंद, दर्द या सूजन।
– दांत या जबड़े में दर्द या गिरना।
– आंखों का भारी प्रतीत होना तथा लाल होना, सामने धुंधलापन।
– आंखों के नीचे सुन्न महसूस होना।
– नाक में काले रंग का डिस्चार्ज हो।

ऐसे कर सकते हैं बचाव
आंबेडकर अस्पताल के ईएनटी विभाग के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष पटेल के मुताबिक, लोगों को चाहिए कि एहतियात बरतते हुए पहले कोरोना संक्रमण से बचे रहें। यदि वह किसी प्रकार संक्रमित हो भी जाते हैं और उनका इलाज अस्पताल में वेंटिलेटर पर ज्यादा दिनों तक हुआ है तो वह ठीक होने के बाद लगातार फॉलोअप कराते रहें। सामान्य कोरोना के मरीजों को भी चाहिए कि वह निरंतर डॉक्टरों से सलाह लेते रहें। यदि सांस लेने में थोड़ी भी समस्या या आंख में भारीपन महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

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उधर, राज्य में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अलर्ट जारी किया है। औषधि विभाग द्वारा जिला स्तर पर बीमारी में कारगर दवा पोसाकोनाजोल, एम्प्रोटेरेसिन-बी को आवश्यक दवाओं की श्रेणी में रखा गया है। इन दवाओं का पहले ज्यादा उपयोग नहीं होने की वजह से थोक दवा बाजार में यह न के बराबर उपलब्ध है। रायपुर दवा विक्रेता संघ के मुताबिक थोक दवा बाजार में पोसाकोनाजोल का स्टाक शून्य और एम्प्रोटेरेसिन-बी इंजेक्शन के 100 वायल उपलब्ध थे। जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि पोसाकोनाजोल, एम्प्रोटेरेसिन-बी की मांग काफी कम होती थी, इसलिए बाजार में न के बराबर उपलब्ध है। ————-

मप्र में कई लोगों की आंख भी निकालनी पड़ी

मध्य प्रदेश के इंदौर में चार व नरसिंहपुर में एक मरीज की मौत इस बीमारी से होने की पुष्टि हुई है। नरसिंहपुर जिले में अब तक पांच मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। एक मरीज की आंख निकालनी पड़ी। उसका आपरेशन जबलपुर में हुआ, जबकि एक मरीज की 10 मई को मौत हो चुकी है। सिवनी में भी एक मरीज मिला है।

बुधवार को राज्य सरकार ने भी 50 लोगों में इस बीमारी की पुष्टि की थी। ब्लैक फंगल संक्रमण के मरीजों की संख्या यकायक बढ़ने से डॉक्टर भी हैरान हैं। इंदौर के बॉम्बे अस्पताल के न्यूरो फिजिशियन डा.आलोक मांदलिया के मुताबिक एक माह में हमारे अस्पताल में इस संक्रमण के 75 से 80 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें से 20 को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई और अभी 50 का इलाज जारी है। संक्रमण अधिक होने के कारण चार लोगों की आंखें निकालनी पड़ी, वहीं चार लोगों की मौत भी हो चुकी है।

हरियाणा में मई में मिले 30 मरीज

हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस कहर बरपा रहा है।पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस रोहतक में सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 तक आठ महीने में जहां इस बीमारी के 21 केस आए थे, लेकिन मई माह में ही छह नए मामले सामने आ चुके हैं। इन सभी मरीजों का आपरेशन होना है। एक गंभीर मरीज की मौत हो गई है। इसके अलावा गुरुग्राम में 14, फरीदाबाद में छह, करनाल में दो और फतेहाबाद तथा झज्जर में एक-एक केस मिले हैं। लुधियाना में चपेट में आए 20 मरीज पंजाब के लुधियाना में बीस से अधिक लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुके हैं और उनका डीएमसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। ऐसे अधिकतर मरीजों की उम्र 40 से 65 वर्ष के बीच है। 

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