नई दिल्ली। कोरोना पेशेंट के लिए काम आने वाली रेमडेसिविर की कीमतें कम करने का सरकार ने फैसला लिया है। साथ ही इसकी अस्पतालों में आपूर्ति सुगम बनाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। मालूम हो कि हाल में रेमडेसिविर दवा की किल्लत के कारण कई शहरों में इसका स्टाक खत्म हो गया था। जिसके कारण लोगों को यह दवा ब्लेक में भी खरीदनी पड़ रही थी।
रेमडेसिविर की उपलब्धता के मुद्दे पर केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्री मनसुख मंडाविया ने रेमडेसिविर दवा के सभी मौजूदा निर्माताओं और स्टॉक होल्डर के साथ 12 और 13 मार्च को बैठक की थी, जिसमें उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने और रेमडेसिविर की कीमतों को कम करने के लिए फैसले लिए गए हैं।
रेमडेसिविर के सात निर्माताओं की वर्तमान कुल स्थापित क्षमता 38.80 लाख वायल प्रति माह है। छह निर्माताओं को 10 लाख वायल प्रति महीने की उत्पादन क्षमता वाले सात अतिरिक्त स्थलों के लिए फास्ट-ट्रैक स्वीकृति दी गई है। एक अन्य 30 लाख शीशियों के महीने का उत्पादन पाइप लाइन में है। इससे विनिर्माण क्षमता लगभग 78 लाख वायल प्रति महीने तक बढ़ जाएगी।
एक अतिरिक्त उपाय के रूप में डोमेस्टिक मार्केट में रेमडेसिविर की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 11 अप्रैल को निर्यात प्रतिबंध रखा गया था। इससे लगभग 4 लाख वायल की रेमडेसिवीर आपूर्ति घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्माताओं के जरिए डायवर्ट की जा रही है। रेमडेसिविर के निर्माताओं ने इस सप्ताह के अंत तक स्वेच्छा से 3500 रुपये से कम करने के फैसला लिया है।
राज्यों और केंद्रीय सरकार के प्रवर्तन अधिकारी को डीसीजीआई के जरिए निर्देशित किया गया है कि ब्लैक-मार्केटिंग, जमाखोरी और रेमडेसिविर की ओवरचार्जिंग की घटनाओं पर तत्काल कार्रवाई करें। साथ ही नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) रेमडेसिविर की उपलब्धता की लगातार निगरानी कर रही है।