इस बार नौतपा के तपने की नहीं दिख रही उम्मीद, चक्रवात और पश्चिमी विक्षोभ ने बदली स्थिति, लू का असर भी रहेगा कम

New Delhi News : नई दिल्ली । टाक्टे व यास चक्रवात और पश्चिमी विक्षोभ के चलते इस बार नौतपा भी चौंका सकता है। दरअसल गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा तपने वाले इन नौ दिनों में इस बार पिछले सालों की तुलना में गर्मी कम होने की उम्मीद है। लू चलने की संभावना तो न के बराबर है और तापमान भी पिछले सालों की तुलना में काफी कम रहने की उम्मीद है। सोमवार रात से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर चुका है और यह आठ जून तक इसमें रहेगा। यानी मंगलवार से नौतपा शुरू हो चुका है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौतपा के शुरुआती पांच दिन तापमान दिन-प्रतिदिन बढ़ने की संभावना रहती है। इन दिनों सूर्य सबसे अधिक बलवान रहता है, इससे भीषण गर्मी पड़ती है। हालांकि सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों तक रहता है। ज्योतिष विज्ञान की मानें तो नौतपा का बारिश से सीधा संबंध होता है। नौतपा के दौरान गर्मी जितनी भीषण होती है, बारिश भी उतनी ही अच्छी होती है। नौतपा में सूर्य की तेज किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, जिससे धरती का तापमान तेजी से बढ़ता है।

अधिक गर्मी पड़ने के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और अच्छी बारिश की संभावना बनती है। मौसम विभाग का भी मानना है कि इन नौ दिनों में धरती जितनी ज्यादा गर्म रहती है, बारिश भी उतनी ही अच्छी होने की संभावना होती है। लेकिन इस बार की स्थिति पिछले सालों की तुलना में अलग है। आमतौर पर मई में उत्तर-पश्चिम, पूर्व और उत्तर तथा दक्षिण भारत में अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है। मध्य भारत में यह 46 से 47 डिग्री तक चला जाता है।

तीन से चार बार लू का प्रकोप भी देखने को मिल जाता है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मई में अमूमन दो पश्चिमी-विक्षोभ आते हैं। लेकिन इस साल एक के बाद एक आते जा रहे हैं। यही नहीं दो-दो चक्रवात भी उठ गए। टाक्टे के बाद अब यास बुधवार को ओडिशा में दस्तक दे देगा। यही वजह है कि लू और गर्मी दोनों का ही प्रकोप इस बार देखने को नहीं मिला। दोनों तूफानों ने तेज गर्मी पड़ने की संभावनाओं को और भी क्षीण कर दिया। स्काईमेट वेदर का पूर्वानुमान है कि अभी अगले दस दिन के दौरान भी भीषण गर्मी पड़ने की संभावना कम है।

महीने के आखिरी सप्ताह में भी देश के ज्यादातर हिस्सों में जहां अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जाएगा। वहीं विदर्भ मराठवाड़ा, दक्षिणी राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी यह 43 से 44 डिग्री तक ही रहेगा। लू तब चलती है जब अधिकतम तापमान 45 डिग्री से अधिक चला जाए। एक के बाद एक दो चक्रवात आने और बार-बार सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभों के कारण मई में लू चलने या तेज गर्मी की संभावना अभी नजर नहीं आ रही है। जून में प्री मानसून की गतिविधियां जोर पकड़ने लगेंगी।

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