उत्तराखंड में जिंदगी बचाने की जंग में जुटी सेना, बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी, फंसे लोगों को किया जा रहा रेस्क्यू

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के बाद जिंदगी को बचाने की जंग जारी है, तो वहीं जो बर्बाद हो गया उसे फिर से खड़ा करने की बड़ी चुनौती सामने खड़ी है. हादसे के बाद लगातार चल रहा बचाव और राहत कार्य जारी है, जिसमें सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत राज्य प्रशासन का अमला युद्द स्तर पर काम कर रहा है. उत्तराखंड के सासंदों के एक दल ने पीएम मोदी से मुलाकात की, तो प्रधानमंत्री ने केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने से ऋषिगंगा में बाढ़ से मची तबाही के बाद जिंदगी बचाने की जंग जारी है. विभीषिका में फंसी ज़िंदगी को तलाशने की जद्दोजहद में सेना के साथ साथ ITBP, एनडीआरएफ, SDRF और उत्तराखंड पुलिस समेत तमाम एजेंसियां युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं.

तपोवन स्थित हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. दो किमी से भी लंबी सुरंग में पहुंचे राहत और बचावकर्मियां के दल को भारी गाद और कीचड़ की वजह रेस्क्यू कार्य चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. टीम ने विशेष कैमरा, स्निफर डॉग के साथ अंदर जाने की कोशिश की. ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस ये टीम काफी मशक्कत के बाद 100 मीटर से आगे नहीं बढ़ सकी और इसे वापस लौटना पड़ा. कीचड़ और गाद की सफाई के लिए मशीनों का प्रयोग करना पड़ा. हालांकि एक छोटी टनल को पूरी तरह साफ कर लिया गया है.

उधर सेना का एक कॉलम रातभर मलबा हटाने वाले उपकरण के साथ जनरेटर और सर्चलाइट की रोशनी में रातभर राहत और बचाव कार्य में जुटा रहा. त्रासदी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए फील्ड अस्पताल स्थापित किए गए हैं, जो घटनास्थल पर लोगों को ज़रूरी चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं. साथ ही डॉक्टर क्षेत्र हादसे से प्रभावित लोगों को इस ट्रामा से भी उबारने में मदद भी कर रहे हैं. रविवार को आईटीबीपी के जवानों द्वारा बचाए 12 लोगों का जोशीमठ में आईटीबीपी के अस्पताल में इलाज चल रहा है.

आपदा में कई पुलों के ध्वस्त हो जाने के कारण कई गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. संपर्क टूटने वाले गांवों में हेलीकाप्टर से फूड पैकेट्स गिराए जा रहे हैं. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस 8वीं बटालियन इस कार्य में जुटी हुई है. लोगों को राशन मुहैया कराया जा रहा है. सहायता कार्य के लिए कंट्रोल रोम स्थापित किया गया है. डीआरडीओ के वैज्ञानिक हिमस्खलन के और खतरों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं. भारतीय नौसेना के गोताखोरी दल भी राहत और बचाव कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं.

इस बीच आपदा के मद्देनजर उत्तराखंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे. प्रतिनिधिमंडल ने आपदा के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी. केंद्र ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है. बैठक में भविष्य में आने वाली आपदाओं से निपटने पर चर्चा हुई.

केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने जोशीमठ पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों का जायज़ा लिया. उन्होंने सुरंग से मलबा निकालने के कार्य में लगे अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों को निकालना प्रशासन की प्राथमिकता है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंहा रावत ने मौके पर पहुंच कर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने राहत और बचाव कार्य में जुटे लोगों को ज़रूरी निर्देश दिए.

उत्तराखंड की आपदा में एक बारगी लोगों के ज़ेहन में साल 2013 की आपदा की तस्वीरें तैर गई थीं, लेकिन ये केंद्र और राज्य सरकार की तमाम एजेंसियों के त्वरित, सटीक, समन्वित सहयोग से इस आपदा की विभीषिका को काफी हद तक कम करने में कामयाबी मिली.

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