संसद की कार्यवाही में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ । किसानों के मसले पर विपक्ष के हंगामे के चलते न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा । दोनों सदनों में सभापतियों ने सदन चलाने की कोशिश की लेकिन नाकाम जिससे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा नहीं हो सकी । वहीं सरकार ने कहा कि वो चर्चा को तैयार है।
बजट के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही जब मंगलवार को पहली बार शुरु हुई तो संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ । किसानों के मसले पर विपक्ष के हंगामे के चलते न तो राज्यसभा चली और न ही लोकसभा।
सबसे पहले बात लोकसभा की । मंगलवार को संसद के दोनों संदनो में विपक्षी दलों के हंगामे के चलते गतिरोध देखने को मिला। लोकसभा की कारवाई दो बार स्थगित होने के बाद अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी गयी।विपक्षी दल संदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिये किसान मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे । लोकसभा अध्यक्ष ने शांति की अपील की लेकिन विपक्ष पर उसका कोई असर नहीं पडा । कृषि मंत्री ने भी कहा कि सरकार सदन के अंदर और बाहर चर्चा को तैयार है ।
7 बजे संदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर राष्ट्पति के अभिभषण पर चर्चा शुरू की गई। पश्चिम बंगाल से बीजेपी सांसद लाकेट चटर्जी ने चर्चा की शुरुवात की।
बिपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि अभिभाषाम पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन की कार्यवाई में गतिरोध डालने का प्रयास नही करना चाहिए।
मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर चर्चा को लेकर नोटिस दिया था। हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बुधवार को चर्चा होगी और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के चर्चा के दौरान भी किसानों के मुद्दे पर चर्चा होनी है। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
थोड़ी देर बाद विपक्षी सांसद दुबारा सदन में वापस लौटे और किसानों के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। विपक्ष की नारेबाजी के चलते सदन की कार्यवाही को चार बार स्थगित करना पड़ा। जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर बाधित रही। इससे पहले 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण का भी विपक्ष ने बॉयकॉट किया था।