26 जनवरी को दिल्ली में पैदा हुईं अराजक परिस्थितियों के बाद दिल्ली पुलिस अब किसी तरह की गुंजाइश बाकि नहीं रखना चाहती। दिल्ली की सीमाओं पर पुख़्ता तैयारियों के बाद अब सोशल मीडिया पर भी कड़ी नज़र रखी जा रही है ताकि कोई अफवाह न फैले। वहीं, कल यानी शनिवार को कुछ किसान संगठनों की ओर से प्रस्तावित चक्का-जाम को लेकर भी सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम कर लिए गए हैं।
किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर भडकाऊ ट्वीट के मामले में दिल्ली पुलिस बेहद सतर्कता बरत रही है । टूल-किट डॉक्युमेंट्स के विदेशी लिंक सामने आने के बाद, पुलिस सोशल मीडिया की विशेष निगरानी बरत रही है। दिल्ली पुलिस के अनुसार सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाई जाए, इसे लेकर भी प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
किसान आंदोलन की आड़ में शांति भंग करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश के संकेत मिलने के बाद, भारत सरकार हर स्तर पर चौकस दिख रही है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने साफ कहा कि हम मिलकर देश के ख़िलाफ हर साज़िश को मात देंगे।
वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मौजूदा परिस्थितियों के लिए विपक्षी पार्टियों को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि वहीं इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने स्वीडिश ऐक्टिविट ग्रेटा थनबर्ग की ओर से ट्वीट किए डॉक्युमेंट की जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को दर्ज एफआईआर के बाद पुलिस अब इस बात की जांच में जुटी है कि आरोपी टूल-किट के पीछे कौन-कौन लोग या संस्थाएं हैं। उधर शनिवार यानी 6 फरवरी को किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम करने की घोषणा की है। किसान संगठनों का कहना है कि देशभर भर में 3 घंटे का सांकेतिक चक्का जाम किया जाएगा। हालांकि, कई किसान संगठनों का कहना है कि दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन 26 जनवरी की हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस अपनी तरफ से तैयारियां पूरी रखनी चाहती है। दिल्ली पुलिस ने किसी भी तरह के हंगामे से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था की है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिल्ली की सीमाओं पर ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि कोई भी प्रदर्शनकारी कल शहर में घुस ना पाए। इसके लिए पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ भी दिल्ली पुलिस लगातार संपर्क बनाए हुए है।
फिलहाल 26 जनवरी की घटना के बाद दिल्ली , यूपी हरियाणा समेत तमाम राज्यों की सरकारें सतर्क हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार भी।