खेती के लिए सरकार ने किये 11 बड़े ऐलान, खुशहाल होंगे किसान

कृषि अवसंरचना फंड (एआईएफ) ने 8,216 करोड़ रुपये के बराबर के 8,665 आवेदन प्राप्त करने के बाद8000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटीज (पैक्स) (58 प्रतिशत), कृषि-उद्यमियों (24 प्रतिशत) और अलग अलग किसानों (13प्रतिशत) है। ये निवेश परियोजनाओं की व्यापक श्रृंखला के लिए हैं जो देश भर में किसानों के लिए मूल्य का सृजन करेंगे। इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहे राज्यों में आंध्र प्रदेश (2,125आवेदन), मध्य प्रदेश (1,830आवेदन), उत्तर प्रदेश (1,255आवेदन), कर्नाटक (1,071आवेदन) और राजस्थान (613) शामिल हैं। जहां अधिकांश राज्य बढ़त लेने के लिए अपने मजबूत सहकारी संघ नेटवर्कों का लाभ उठा रहे हैं, मध्य प्रदेश में सर्वाधिक गैर-पैक्स आवेदन प्राप्त हुए हैं। कृषि अवसंरचना फंड कृषि प्रणाली से जुड़े सभी हितधारकों की सामूहिक शक्ति को एक साथ लाएगा।

कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएंडएफडब्ल्यू) वास्तविक निवेशों में तेजी लाने के लिए कई पहल कर रहा है। विभाग ने इफको, हैफेड, नाफेड तथा अन्य के साथ साथ प्रत्यक्ष रूप से 150 से अधिक एफपीओ तथा आजीविका संगठनों से संपर्क किया है। विभाग ने 90 से अधिक कृषि व्यवसाय प्रतिभागयिों के साथ सीआईआई एवं फिक्की के सहयोग से एक एग्रीबिजनेस कांकलेव की मेजबानी की है जहां आर्या सीएमए, महिन्द्रा एग्री, टाटा कंज्यूमर, इफको तथा एस्कार्ट्स क्रापिंग सॉल्यूशंस ने किसानों,  कृषक समूहों तथा स्थानीय उद्यमियों की साझीदारी के जरिये एआईएफ के तहत बुनियादी ढांचे के निर्माण में अपनी भूमिका पर प्रस्तुतियां दीं।

विभाग प्रगति की निगरानी करने तथा क्रॉस लर्निंग्स को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से राज्यों की समीक्षा का आयोजन कर रहा है। इसके अतिरिक्त, राज्य विभागों के190 से अधिक प्रतिभागियों के साथ एक राज्य कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया जहां आंध्र प्रदेश ने अपना पैक्स आधारितमॉडल तथा मध्य प्रदेश ने अपनी स्थानीय उद्यमशीलता आधारितमॉडल प्रदर्शित किया। इसके परिणामस्वरूप, राज्य बड़ी संख्या में किसानों तथा स्थानीय उद्यमियों के साथ जुड़ रहे हैं।

इन पहलों से न केवल आवेदनों की समग्र संख्या में बढोतरी हुई है बल्कि कस्टम हायरिंग सेंटर्स तथा फार्म मशीनरी बैंकों ( 25 करोड़ रुपये के बराबर के 130 आवेदन) तथा स्मार्ट और उत्कृष्ट कृषि के लिए इंफ्रा ( 1,300 करोड़ रुपये के बराबर के 200 आवेदन) जैसे नवोन्मेषी इंफ्रा प्रकारों के प्रति दिलचस्पी में वृद्धि हुई है। एआईएफ हब एंड स्पोक मॉडल में फर्म-गेट के निकट डिस्ट्रिब्यूटेड इंफ्रा के सृजन के लिए उभरते नए साझीदारीमॉडल के साथ किसानों और एग्रीबिजनेस को साथ लाया है। ये एग्रीबिजनेस एफपीओ के बीच एआईएफ तथा नई कृषि-तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं और उनके प्रयोग तथा उन्हें अपनाने में सहायता कर रहे हैं।  URLhttps://agriinfra.dac.gov.in,के साथ स्कीम के लिए एक पोर्टल बनाया गया है जहां आवेदक आवेदन जमा कर सकते हैं और सभी हितधारक आवेदनों की प्रगति की निगरानी कर सकते हैं।

कृषि व्यवसायों तथा किसानों को एक साथ लाने, राज्यों के बीच क्रॉस- लर्निंग्स को बढ़ावा देने और विश्व स्तरीय कृषि बुनियादी ढांचा के निर्माण के लिए ग्लोबल बेंचमार्किंग आरंभ करने के लिए की जा रही सही पहलों के साथ एआईएफ में तेजी आ रही है। एआईएफ में देश के कृषि बुनियादी ढांचे के परिदृश्य को पूरी तरह रूपांतरित कर देने की क्षमता है।

कृषि अवसंरचना फंड के बारे में

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कृषि अवसंरचना फंड ब्याज छूट तथा ऋण गारंटी के जरिये फसल उपरांत प्रबंधन अवसंरचना तथा समुदाय खेती के लिए व्यावहार्य परियोजनाओं में निवेश करने के लिए एक मध्यम-दीर्घ अवधि ऋण वित्तपोषण सुविधा है। योजना की अवधि वित वर्ष 2020 से 2029 (10 वर्ष) है। इस योजना के तहत, सालाना 3 प्रतिशत की ब्याज छूट के साथ ऋण के रूप में बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये तथा 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए सीजीटीएमएसई के तहत क्रेडिट गारंटी कवरेज उपलब्ध कराये जाएंगे। पात्र लाभार्थियों में किसान, एफपीओ, पैक्स, मार्केटिंग कॉपरेटिव सोसाइटीज, एसएचजी, ज्वायंट लायबिलिटी ग्रुप्स (जेएलजी), बहुद्वेशीय सहकारी संघ, कृषि-उद्यमी, स्टार्ट-अप्स और केंद्रीय/राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय प्रायोजित सार्वजनिक-निजी साझीदारी परियोजनाएं शामिल हैं।

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