देश में अब तक 45 लाख 93 हजार लोगों को कोविड टीका लगाया गया; स्वस्थ होने की दर बढकर 97 दशमलव एक-तीन प्रतिशत हुई। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कोविड टीके लगवाने वाले 97 प्रतिशत लोग संतुष्ट हैं। यह परिणाम सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के फीडबैक प्लेटफार्म के जरिये टीके लगवाने वाले लोगों के पंजीकरण पर आधारित हैं।
देश में आज दिन के डेढ़ बजे तक वैक्सीन लेने वाले लोगों की संख्या 45 लाख 93 हजार से अधिक हो गई। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि देश में एक हजार 239 निजी क्षेत्र के केन्द्रों और पांच हजार 912 सार्वजनिक क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सबसे तेजी से 40 लाख लोगों को कोविड वैक्सीन देने वाला देश बन गया है। पहले 40 लाख लोगों को वैक्सीन देने में भारत को केवल 18 दिन लगे।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कोविड टीके लगवाने वाले 97 प्रतिशत लोग संतुष्ट हैं। यह परिणाम सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के फीडबैक प्लेटफार्म के जरिये टीके लगवाने वाले लोगों के पंजीकरण पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के टीकाकरण में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है जहां 18 दिन में ही 73 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को टीके लगाये जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इस समय इलाज करा रहे मरीजों की संख्या एक लाख 60 हजार से कम है, जबकि कोविड से स्वस्थ होने की दर 97 दशमलव एक-तीन प्रतिशत हो गई है। संक्रमण की दर घट रही है तथा यह अगस्त के लगभग नौ प्रतिशत तुलना में घटकर इस समय लगभग पांच दशमलव चार-दो प्रतिशत पर आ गई है।
उन्होंने कहा कि रोजाना संक्रमित हो रहे लोगों की संख्या भी निरंतर कम हो रही है और दैनिक मृत्यु के आंकड़े भी लगातार घट रहे हैं। केरल सहित आठ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने संक्रमण की साप्ताहिक दर राष्ट्रीय औसत एक दशमलव आठ दो प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात है और केन्द्रीय दल इनमें से कुछ राज्यों में भेजे गये हैं।
तीसरे राष्ट्रीय सीरोसर्वे के बारे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महासचिव डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि 17 दिसंबर से आठ जनवरी तक सर्वेक्षण में शामिल 21 दशमलव पांच प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज मिली। उन्होंने कहा कि शहरी झुग्गी बस्तियों में 31 दशमलव सात प्रतिशत, अन्य शहरी इलाकों में 26 दशमलव दो प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 19 दशमलव एक प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज मिली।
डॉक्टर भार्गव ने कहा कि राष्ट्रव्यापी सीरो सर्वे से पता चला है कि बड़ी संख्या में लोगों को अब भी कोविड-19 का खतरा है। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण टीकाकरण शुरू होने से पहले किया गया था। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने 25 दशमलव सात प्रतिशत ऐसे हैं जो संक्रमित होकर ठीक हो गये हैं। डॉक्टर भार्गव ने कहा कि सावधानी महत्वपूर्ण है और वैक्सीन आवश्यक। उन्होंने कहा कि मास्क लगाने, सुरक्षित दूरी बनाये रखने और बार-बार हाथ धोने में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए।