कोलकाता। आखिर चुनाव खत्म होते ही पश्चिम बंगाल में भी कोरोना की चिंता की जाने लगी है। जब तक चुनाव थे। तब तक हर रोज रैलियां और आमसभाएं हो रही थी। राजनैतिक दलों के नेता अपनी सभाओं में आने वाली भीड़ को देखकर आभार जताते नहीं थक रहे थे। किसी को भी इस बात की चिंता नहीं थी कि पूरे देश के साथ बंगाल में भी कोरोना की लहर है। लेकिन चुनाव की सुनहरी आस ने कोरोना की छाया को दबा रखा था। मतदान के बाद बंगाल में भी कोरोना को लेकर सख्ती बढ़ने लगी है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को कोरोना की पाबंदियों को और कड़ा कर दिया है। बंगाल सरकार ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, ब्यूटी पार्लर, सिनेमा हॉल, रेस्तरां और बार, जिम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बंद करने का फैसला लिया है। वहीं, बाजारों और हाटों को सुबह 7-10 और शाम को 3-5 बजे के बीच में खोलने की अनुमति दी गई है।
राज्य की दवा की दुकान, चिकित्सा उपकरणों की दुकानों और किराने की दुकानों को बंगाल सरकार के कोविड-19 संबंधी पाबंदी के आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है। इसके अलावा घर पर सामान की आपूर्ति की इजाजत होगी। अधिकारी ने कहा कि बंगाल में अगले आदेश तक सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और मनोरंजन संबंधी कार्यक्रमों में लोगों के जुटने पर अगले आदेश तक रोक रहेगी।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में गुरुवार को कोरोना वायरस से एक दिन में सर्वाधिक 89 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद मृतक संख्या बढ़कर 11248 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे में 17403 नए मरीजों की पुष्टि होने के बाद कुल मामले 810955 हो गए हैं।
विभाग ने एक बुलेटिन में बताया कि राज्य में 110241 मरीज संक्रमण का इलाज करा रहे हैं। जबकि बुधवार से 12885 मरीज संक्रमण से उबर गए हैं। इस अवधि में कम से कम 53724 नमूनों की जांच की गई है।