अनंत बलवंत हनुमंत लाल का ये मंत्र उनके रूप और काया की व्याख्या करता है
"अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् | सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि || " जानिए बजरंग बली के इन 8 रूपों के वारे में !
अतुलितबलधामं हे हनुमान जी आप अतुलित बल के धाम हैं ...
1
हेमशैलाभदेहम् आपका सोने के पहाड़ जैसा सुडौल शरीर है .
2
दनुजवनकृशानुं दानवों रूपी वन को नष्ट कर देता है.
3
ज्ञानिनामग्रगण्यम् ज्ञानियो में आप सबसे आगे हैं.
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4
सकलगुणनिधानं सभी गुणों के आप धाम हैं.
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5
वानराणामधीशम् वानरो में आप सर्वोच्च हैं अर्थ: वानरस्वामी
6
रघुपतिप्रियभक्तं आप राम जी के प्रिय भक्त हैं .
7
वातजातं आप पवनपुत्र हैं.
8