पंजाब में AAP को बड़ा झटका! सुखपाल सिंह खैरा समेत तीन विधायक कांग्रेस में शामिल

चंडीगढ़ : पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के तीन बागी विधायक गुरुवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। सुखपाल खैहरा के साथ पिरमल सिंह और जगदेव सिंह कमालू को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस में शामिल कराया। तीनों विधायकों ने स्पीकर राणा केपी सिंह को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा सौंप दिया।

इसके बाद सुखपाल खैहरा ने ‘आप’ और इसके राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मौकापरस्त बताते हुए कहा कि पार्टी ने राज्य में पंजाबियों को अहमियत नहीं दी।

उन्होंने कहा, ‘एक स्थापित पार्टी को छोड़कर केजरीवाल जैसे कायर की पार्टी में शामिल होना मेरी सबसे बड़ी गलती थी।’ उन्होंने सवाल किया कि अरविंद केजरीवाल जिस स्वराज को लाने की बात करते थे क्या वह उसे लाए? केजरीवाल को लोगों को यह बताना चाहिए कि वह ऐसा करने में नाकाम क्यों रहे?

बताया पंजाब में नेता विपक्ष बनाए जाने का सच खैहरा ने पंजाब में आप द्वारा नेता विपक्ष बनाए जाने की कहानी का सच बताते हुए कहा कि केजरीवाल नहीं चाहते थे कि मैं नेता विपक्ष बनूं। पार्टी के करीब 16 विधायक चाहते थे कि मैं विपक्ष का नेता बनूं। मुझे दिल्ली बुलाया गया।

केजरीवाल के साथ बैठक हुई जिसमें पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह भी मौजूद थे। केजरीवाल इस बैठक से पहले सभी विधायकों से बात कर चुके थे और सभी ने मेरे बारे में ही राय दी थी।

खैहरा ने बताया कि बैठक के दौरान केजरीवाल ने मुझसे कहा कि आप हमारे खिलाफ बोलते रहते हो, इसलिए मैं आपको किसी भी सूरत में विपक्ष का नेता नहीं बनाना चाहता। इस पर मैंने कहा कि आपने टिकटों का बंटवारा गलत किया है। आप पंजाबियों को तवज्जो ही नहीं दे रहे।

केजरीवाल मेरे साथ बहस करने लगे तो संजय सिंह ने केजरीवाल से कहा कि भाई साहब जब आपने विपक्ष का नेता बना ही दिया है तो अब बहस करने का क्या फायदा।

मजीठिया से माफी का विरोध किया खैहरा ने ड्रग्स के मुद्दे पर पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया से माफी मांगकर केजरीवाल तो निकल गए लेकिन लोग सवाल हमसे कर रहे हैं। मेरे खिलाफ स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) का केस खुला, उसे सुप्रीम कोर्ट तक मैंने लड़ा।

जब प्रवर्तन निदेशालय का छापा पड़ा तो क्या आम आदमी पार्टी के किसी नेता ने मेरा साथ दिया। आखिर हम किसके लिए लड़ रहे थे। केजरीवाल के कारण पंजाबी आप से दूर हुए खैहरा ने कहा कि केजरीवाल की इसी कायरता की वजह से पंजाबी आम आदमी पार्टी से पीछे हट गए।

पंजाबियों ने 2014 के चुनाव में उन्हें 24 फीसद वोट दिए थे और ‘आप’ इसी वोट बैंक के आधार पर सत्ता में आने के ख्वाब देख रही थी, लेकिन अब केवल दो फीसद वोट तक सीमित होकर रह गई है। 

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