चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच खटास कम नहीं हो रही है। रविवार को मुख्यमंत्री के बेटे नवदीप सिंह डेराबस्सी की सिमरनधीर कौर के साथ परिणय सूत्र में बंध गए। आनंद कारज में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, पार्टी प्रभारी हरीश रावत समेत कई मंत्री शामिल हुए, परंतु सिद्धू नहीं पहुंचे।
वह लखनऊ से सीधे माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए जम्मू चले गए। लेकिन, ट्वीट कर पंजाब में थर्मल प्लांटों में कोयला संकट के बीच निजी थर्मल प्लांटों का मुद्दा उठा दिया। नवजोत सिद्धू ने ट्वीट में कहा कि निजी थर्मल प्लांटों को 30 दिन का कोयला स्टाक न करने के लिए दंडित किया जाना चाहिए।
उनके ट्वीट मुख्यमंत्री चन्नी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि ऊर्जा (बिजली) विभाग चन्नी के पास ही है। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सिद्धू ने जिस तरह प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और लखीमपुर खीरी की यात्रा शुरू करने से पहले उनके बारे में अपशब्द कहे, उससे आशंका जताई जा रही थी कि वह विवाह कार्यक्रम में नहीं आएंगे।
सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब को पछताने और मरम्मत करने के बजाय रोकथाम और तैयारी करनी चाहिए, निजी थर्मल प्लांटों को 30 दिनों के लिए कोयला स्टाक नहीं रखने पर दंडित किया जाना चाहिए। यह समय ग्रिड से जुड़े सोलर पीपीए और रूफटाप सोलर पर आक्रामक तरीके से काम करने का है। निजी थर्मल प्लांटों के साथ हुए समझौते रद करना कांग्रेस के प्रमुख एजेंडे में शामिल है।
बेअदबी और ड्रग्स के बाद निजी थर्मल प्लांटों के साथ हुए समझौते ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के तख्तापलट में अहम रहे थे। सिद्धू बेअदबी, ड्रग्स के अलावा बिजली खरीद समझौतों को लेकर हमेशा ही पूर्व मुख्यमंत्री को घेरते आए थे। तख्तापलट के बाद चन्नी सरकार बने अब करीब 20 दिन बीत चुके हैं लेकिन सरकार ने अभी तक इस दिशा में एक भी कदम आगे नहीं बढ़ाया है।