लखनऊ : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लखनऊ और मुंबई के सीवेज (वाहितमल) में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) व इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) द्वारा संयुक्त रूप से देश के विभिन्न शहरों में कराए गए नमूनों की जांच के दौरान यह बात सामने आई है। लखनऊ में घंटाघर, मछली मोहाल व रूपपुर खदरा के नालों से नमूने लिए गए थे। 19 मई को जांचें गए इन नमूनों में से सिर्फ रूपपुर खदरा के ही नमूने में कोरोना वायरस मिलने की पुष्टि हुई है। इसकी रिपोर्ट आइसीएमआर को भेजे जाने की बात सामने आ रही है। एसजीपीजीआइ समेत देश की आठ प्रयोगशालाओं द्वारा विभिन्न शहरों के सैंपल की जांच कराई जा रही है। वर्ष 2020 में भी हुई थी जांच वर्ष 2020 में भी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों के सीवेज से नमूने लिए गए थे, लेकिन कोरोना वायरस नहीं मिलने से बड़ी राहत महसूस की गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार 25 से 50 फीसद संक्रमित मरीजों के स्टूल के जरिये वायरस सीवेज तक पहुंच सकते हैं। नदियों में फेंके गए शवों से चिंता बढ़ी पिछले दिनों नदियों में कई जगह शव फेंके जाने का मामला भी सामने आया था। इससे आशंका जताई जा रही है कि संक्रमित शरीर से नदी के पानी में भी वायरस पहुंच सकता है। इसको लेकर आइसीएमआर व डब्ल्यूएचओ सतर्क है। इस पर आगे और अध्ययन कराए जाने की बात सामने आ रही है। नाले भी नदी में गिरते हैं। इसलिए नदियों के सैंपल की जांच कराया जाना बहुत जरूरी हो गया है। इससे पहले हैदराबाद समेत, महाराष्ट्र समेत दूसरे देशों के सीवेज में कोरोना वायरस मिलने की पुष्टि हो चुकी है।