एमबीबीएस छात्रों को आयुष में करनी पड़ सकती है वैकल्पिक इंटर्नशिप, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का प्रस्ताव

New Delhi : नईदिल्ली । राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा जारी एक मसौदा नियम के मुताबिक एमबीबीएस के छात्रों को जल्द ही भारतीय चिकित्सा प्रणाली या आयुष में वैकल्पिक इंटर्नशिप करनी पड़ सकती है।

बारी-बारी से अनिवार्य इंटर्नशिप के मसौदा नियम, 2021 के अनुसार एमबीबीएस छात्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसी भारतीय चिकित्सा पद्धति या आयुष की किसी एक विधा में एक सप्ताह का प्रशिक्षण होना चाहिए।

एनएमसी के अनुसार, इंटर्न आयुष के लिए आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और सोवा रिगपा में से किसी एक को एक सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए चुन सकते हैं।

मसौदे में कहा गया है कि एमबीबीएस छात्रों को स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद 12 महीने की अवधि में 17 पोस्टिंग पूरी करनी होंगी। इनमें से 14 अनिवार्य हैं और तीन वैकल्पिक हैं। भारतीय चिकित्सा प्रणाली में प्रशिक्षण वैकल्पिक श्रेणी में है।

मसौदे में कहा गया है कि पर्याप्त उपस्थिति नहीं होने, जरूरी क्षमता संतोषजनक तरीके से हासिल नहीं करने आदि की स्थिति में अनिवार्य इंटर्नशिप की न्यूनतम अवधि को बढ़ाया जा सकता है।

संस्थान या विश्वविद्यालय द्वारा नियमों के तहत इंटर्नशिप की अवधि को किसी भी समय कम किया जा सकता है, इसे अस्थायी रूप से निलंबित किया जा सकता है या रद्द किया जा सकता है।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter