फ्रांस में राफेल की जांच पर देश में सियासी गर्मी : राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने PM मोदी को घेरा

नई दिल्ली : राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार को लेकर फ्रांस में जांच बिठाए जाने पर देश में सियासी गर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस ने सौदे में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए जेपीसी जांच की मांग दोहराई है और साथ ही आगामी संसद सत्र में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने के संकेत भी दे दिए हैं।

भाजपा ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि राहुल गांधी राफेल की प्रतिद्वंद्वी रक्षा कंपनियों के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं और उनका एक मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट और सीएजी से इस सौदे को क्लीन चिट मिलने के बावजूद राहुल गांधी लगातार झूठ बोलकर इसे विवाद में घसीटने की कोशिश करते हैं। 36 अत्याधुनिक राफेल विमानों का यह सौदा 59 हजार करोड़ रुपये का है।

फ्रांस में एक एनजीओ की शिकायत पर जांच बिठाई गई है। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि फ्रांस में पब्लिक प्रासिक्यूशन सर्विस ने राफेल कागजात में भ्रष्टाचार, क्रोनी कैपिटलिज्म, अनुचित प्रभाव आदि की जांच शुरू की है।

जांच के दायरे में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और वहां के पूर्व रक्षा मंत्री और वर्तमान विदेश मंत्री हैं। सुरजेवाला ने कहा कि फ्रांस में इस बेहद संवेदनशील मामले की जांच के लिए एक जज की नियुक्ति की गई है।

ऐसे में प्रधानमंत्री को भी राफेल सौदे में अनियमितता की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करानी चाहिए। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के खजाने को चूना लगाने का मामला है और सुप्रीम कोर्ट इस तरह की जांच करने में सक्षम नहीं है।

बार-बार झूठ बोल रहे राहुल गांधी भाजपा की ओर से प्रवक्ता संबित पात्रा ने जवाब में राहुल के नौ झूठ गिनाए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने राफेल के अलग-अलग दाम बताए, आफसेट में रिलायंस के जरिए सरकार को घसीटने की कोशिश, जबकि इसमें कई और कंपनियां भी शामिल थीं।

कभी फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों का नाम लेकर कहा कि उन्होंने राफेल डील से जुड़ी सारी जानकारी साझा करने की बात कही है, जबकि खुद फ्रांस सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं किया जा सकता है।

पात्रा ने कहा कि यह राहुल के लिए तमाचा था लेकिन वह बार-बार झूठ बोलते रहे ताकि उनकी राजनीति भी चले और संभवत: वह जिस कंपनी को लाभ पहुंचाना चाहते हैं वह भी पूरा हो।

सुप्रीम कोर्ट, सीएजी से मिल चुकी है क्लीन चिट पात्रा ने कहा कि इस सौदे के खिलाफ कई लोग सुप्रीम कोर्ट भी गए थे। सरकार ने बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को राफेल की कीमत समेत पूरी जानकारी दे दी थी।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के साथ ही भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने भी इस सौदे को क्लीन चिट दे दी, लेकिन कांग्रेस की राजनीति खत्म नहीं हो रही है। राहुल को सुप्रीम कोर्ट से भी माफी मांगनी पड़ी थी।

जांच से सौदे पर कोई फर्क नहीं पात्रा ने कहा कि अगर फ्रांस में किसी एनजीओ ने शिकायत की है और उसकी जांच हो रही है तो उससे भारत के साथ डील पर कोई फर्क नहीं पड़ता है और न ही यहां भ्रष्टाचार की बात हो रही है। यह जरूर साबित होता है कि कांग्रेस को न तो भारत के सुप्रीम कोर्ट में विश्वास है और न ही सीएजी जैसी संस्था पर। 

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