काबुल : अफगानिस्तान में तालिबान ने समावेशी कार्यवाहक सरकार के गठन को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। इसमें क्षेत्रीय ताकतवर नेताओं को भी शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार तालिबान शूरा (परामर्श समिति) के एक सदस्य ने बताया है कि अफगानिस्तान में जल्द ही कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाएगा।
इसमें तालिबान कमांडरों के साथ ही देश के जातीय और आदिवासी पृष्ठभूमि वाले नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। तालिबान शूरा के सदस्य ने बताया कि ऐसे एक दर्जन नामों पर विचार किया जा रहा है, जिन्हें शीर्ष सरकारी पदों पर नियुक्त किया जा सकता है।

सरकार गठन की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पहले से ही मौजूद हैं। तालिबान के सेना प्रमुख मुल्ला महमूद याकूब परामर्श करने के लिए कंधार से काबुल के लिए रवाना हो चुके हैं।
रूसी राष्ट्रपति के अफगानिस्तान में विशेष प्रतिनिधि जामिर काबुलोव ने बताया कि सरकार गठन पर गंभीर मंथन चल रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी, लेकिन जो प्रक्रिया चल रही है, उसके उत्साहजनक संकेत हैं।
तालिबान सरकार में ऐसा नेतृत्व चाहता है, जिसमें जातीय राजनीतिक ताकत रखने वाले प्रतिनिधि भी शामिल हों। काबुलोव ने कहा कि सभी कुछ ठीक रहा तो अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ अफगानिस्तान में व्यवस्था पूरी तरह बहाल होगी। हमें अफगानिस्तान में एक समावेशी कार्यवाहक सरकार के गठन में धैर्यपूर्वक शामिल होना होगा।