नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि न्यायिक परिसरों में अधिक अदालत कक्ष, डिजिटल रूम, शौचालय आदि संबंधी बुनियादी ढांचागत जरूरतों को कुछ वर्षों में पूरा किया जाएगा। केंद्र ने निचली अदालतों के लिए 9,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि दरवाजे पर न्याय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। रिजिजू का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीफ जस्टिस एन वी रमना ने 11 सितंबर को इलाहाबाद में एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत में अदालतें अब भी उचित सुविधाओं के बिना जर्जर ढांचों से संचालित होती हैं। अंग्रेजों के जाने के बाद न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे की उपेक्षा की गई। रिजिजू ने कहा कि सरकार ने हाल ही में न्यायपालिका के लिए एक बड़ा फैसला किया है।
कैबिनेट ने निचली न्यायपालिका के लिए 9,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। अभी तक जज काम करने के लिए किराए के मकान में बैठते हैं और महिला वकीलों व जजों के लिए शौचालय नहीं है। उन्होंने कहा कि अगले तीन से चार साल में बुनियादी ढांचा संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। कानून मंत्री दिल्ली की तीस हजारी अदालत में गजानंद ब्लाक के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे