केरलः ‘शैलजा बाहर, दामाद का स्वागत’, जानें सीएम विजयन की नई कैबिनेट पर क्यों है विवाद?

तिरुअनंतपुरम : अभी तक कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति समेत कई अन्य राजनीतिक दलों पर ही परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समेत उसके सहयोगी वामपंथी दल परिवारवाद से अछूते रहे हैं, लेकिन केरल में बनने जा रही नई राज्य सरकार में माकपा के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपने दामाद को कैबिनट मंत्री बनाने जा रहे हैं। दूसरी ओर पार्टी की वरिष्ठ नेता केके शैलजा को मंत्री पद के लिए न चुने जाने को लेकर बहस शुरू हो गई है।

बता दें कि केरल माकपा राज्य समिति की मंगलवार को बैठक हुई जिसमें विजयन को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया। वह 20 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ पार्टी ने जिन सदस्यों को मंत्री पद के लिए चुना है उनमें मुहम्मद रियाज का नाम भी है। वह मुख्यमंत्री के दामाद हैं। अन्य लोगों में एमवी गोविंदन, के. राधाकृष्णन, केएन बालागोपाल, पी. राजीव, वीएन वासवान, साजी चेरियन, वी. सिवानकुटट्टी, डा. आर.बिंदू, वीना जार्ज तथा वी अब्दुल रहमान के नाम शामिल हैं।

वीना जार्ज पहले पत्रकार थीं। माकपा ने इस बार नए चेहरों को प्राथमिकता दी है। पिछली बार पार्टी के जो नेता मंत्री थे उनको नई सरकार में मंत्री पद के लिए नहीं चुना गया है। इनमें पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं केके शैलजा का नाम भी शामिल है। शैलजा को मंत्रिमंडल में जगह न देने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। राज्य में ‘राकस्टार’ मंत्री के रूप में जानेजानी वाली शैलजा ने कहा कि मैं निराश नहीं हूं।

इसमें भावुक होने की बात नहीं है। मैं पहले भी मंत्री रह चुकी हूं। नई टीम और अच्छा काम करेगी। उन्हें पार्टी सचेतक चुना गया है। पार्टी ने एमबी राजेश को स्पीकर और टीपी रामकृष्णन को संसदीय दल का सचिव चुना है। राज्य समिति की बैठक के दौरान पोलित ब्यूरो सदस्य एस रामाचंद्रन पिल्लई, पिनराई विजयन, कोडियेरी बालाकृष्णन तथा एमए बेबी भी मौजूद थे। माकपा नेता एएन शमसीर ने कहा कि नया मंत्रिमंडल युवा और अनुभवी नेताओं का मिश्रण होगा। विजयन वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का नेतृत्व करेंगे।

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