नई दिल्ली : कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बीच तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल को लेकर शुक्रवार को ट्विटर में वाद-विवाद चला।
कांग्रेस नेता ने कहा कि तहलका के संस्थापक संपादक को यौन हमला मामले में सम्मानपूर्वक बरी किया गया। चतुर्वेदी ने तिवारी की टिप्पणी को शर्मनाक बताया।
तिवारी ने एक ट्वीट में तेजपाल की सराहना करते हुए कहा, ‘कालेज में मेरे वरिष्ठ रहे मित्र ने बहुत बदनामी झेली,
राजनीतिक रूप से उत्पीड़ित हुए और अब सम्मानपूर्वक बरी किए गए मेधावी तरुण तेजपाल ने अपनी नई किताब एनिमल फार्म का टीजर लिखा है। तरुण अपनी बेहतर स्थिति में। स्वागत मित्र।’ चतुर्वेदी ने इसका तीखा जवाब दिया।
उन्होंने व्यंग्यात्मक नोट में लिखा, ‘आज मुझे पता चला कि तरुण तेजपाल सम्मानपूर्वक बरी किए गए हैं और राजनीतिक रूप से उत्पीड़ित हुए।’ तिवारी पर निशाना साधते हुए राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इस कोजी क्लब द्वारा एक महिला पर यौन हमले को बकवास बताना उनकी बीमार मानसिकता का परिचायक है।
तिवारी ने कहा, ‘‘कृपया मानहानि की सीमा को पार मत कीजिए। मुझे एक साथी सांसद और अपनी पूर्व सहयोगी को अदालत में ले जाने में दु:ख होगा।’’ प्रियंका चतुर्वेदी ने तिवारी के बयान को उन्हें ‘चुप’ करने की धमकी बताते हुए कहा कि वकील के रूप में उन्हें जान लेना चाहिए कि उनके (चतुर्वेदी के) पहले ट्वीट में उन्हें टैग तक नहीं किया गया और वह इसमें ‘टपक गये’। उन्होंने यह भी कहा कि कानून की अज्ञानता, नैतिकता की अज्ञानता से बेहतर है।
गोवा की एक सत्र अदालत ने तेजपाल को 2013 में राज्य के एक होटल की लिफ्ट के भीतर एक पूर्व महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न के आरोप में गत 21 मई को बरी कर दिया गया था। आरोप 7 नवंबर, 2013 की घटना से संबंधित हैं।