देश में कोयला, बिजली संकट के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों के साथ की बैठक

नई दिल्ली : बिजली संकट को लेकर गहराई आशंका के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को बिजली व कोयले की आपूर्ति का जायजा लिया। हालांकि मंत्रालय की तरफ से कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।

लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, बिजली मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के बीच कोयला संकट और बिजली आपूर्ति के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में कोयला मंत्रालय से कहा गया है कि बिजली संयंत्रों को अधिक से अधिक कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के आंकड़ों के मुताबिक बिजली प्लांट के पास कोयले के स्टाक में बढ़ोतरी होती दिख रही है। देशभर के 115 बिजली प्लांट में से अब 107 के पास पांच या इससे कम दिन का कोयला स्टाक उपलब्ध है। इसी महीने दो अक्टूबर को सिर्फ 72 प्लांट के पास तीन दिनों का कोयला उपलब्ध था।

उस समय करीब 50 संयंत्रों के पास चार से 10 दिनों का कोयला बचा था। बिजली मंत्रालय ने सभी बिजली वितरण कंपनियों को बिजली खपत की अनिवार्य रूप से अकाउंटिंग कराने के लिए कहा है। बिजली अकाउंटिंग से यह पता लग जाता है कि किस सेक्टर में बिजली की कितनी खपत हो रही है और किन सेक्टर में बिजली का नुकसान हो रहा है और कहां बिजली की चोरी हो रही है।

इससे फायदा यह होगा कि उन इलाकों के अधिकारी को इस नुकसान और चोरी को रोकने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इससे बिजली की चोरी और नुकसान रोकने में मदद मिलेगी। कोल इंडिया के मुताबिक अक्टूबर में रोजाना 17.3 लाख टन कोयले का उठाव हो रहा है जो पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 10 फीसद अधिक है।

कोल इंडिया के निदेशक ( मार्केटिंग) एसएन तिवारी के मुताबिक एक बार कोयले की डिस्पैच दर कायम रह जाती है तो स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने बताया कि नवरात्र के बाद बिजली क्षेत्र को और अधिक कोयले की आपूर्ति शुरू हो जाएगी क्योंकि उत्पादन स्तर को बढ़ाया जा रहा है।

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