पहल: बाइडन के कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच पहली सैन्य स्तर की बातचीत हुई.

बीजिंग : अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम को लेकर दुनिया के ताकतवर देश भी चिंतित हैं। बाइडन प्रशासन के आने के बाद पहली बार अमेरिका और चीन के बीच सैन्य स्तर की वार्ता हुई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस वार्ता के केंद्र में अफगान समस्या ही बनी रही। सैन्य स्तर की वार्ता में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी आफिस के डिप्टी डायरेक्टर मेजर जनरल हुआंग झियूपिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष माइकल चेस ने नेतृत्व किया।

साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने चीनी अधिकारी के हवाले से दी गई बैठक की रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान समस्या वर्तमान में सबसे अहम है और इस पर विस्तार से वार्ता की गई है। उक्त अधिकारी ने यह भी कहा है कि अलास्का वार्ता के दौरान विदेश मंत्री वांग यी ने अपने अमेरिकी समकक्ष से अफगानिस्तान मुद्दे पर वार्ता की थी, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को नजरंदाज कर दिया था।

चीन-अमेरिका के बीच अलास्का में बाइडन राज में पहली उच्च स्तरीय वार्ता हुई थी। इसमें अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने भी भाग लिया था। वार्ता के संबंध में चीनी अधिकारी ने बताया कि हमारी सेना अमेरिकी सेना के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए है।

चीन का मानना है कि अमेरिका पहले से ही अफगान समस्या को लेकर सजग हो गया होता तो ऐसी जोखिम वाली स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। इस वार्ता में अन्य मुद्दों पर भी विचार किया गया। उल्लेखनीय है कि चीन अफगानिस्तान में आतंकी संगठन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआइएम) को लेकर चिंतित है। यह आतंकी संगठन अफगानिस्तान में रहकर शिनजियांग क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को तेज कर सकता है। 

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