जम्मू : केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने नारको टेरेरिज्म के मामले में सात आरोपितों के खिलाफ सप्लीमेंटरी आरोप पत्र दाखिल किया। मामला उस समय सामने आया जब उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस ने गत वर्ष एक वाहन से दो किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी।
इस मामले की कड़ी-दर-कड़ी पड़ताल करने के बाद बड़े नेटवर्क का पता चला। एनआइए प्रवक्ता ने बताया कि पांच दिसंबर, वर्ष 2020 में पहला आरोप पत्र दाखिल किया था। सात आरोपितों में बांडीपोरा जिले के सुबंल के शौकत सलाम, बारामुला जिले के कनीसपोरा के आसिफ गुल, गांदरबल के डंगेपोरो के अल्ताफ अहमद शाह, सांबा जिले की विजयपुर तहसील के रोमेश कुमार, शोपियां जिले के वांदून के मुद्दसर अहमद डार, अनंतनाग जिले के बिजबिहाड़ा के अमीन अलाइ उर्फ हिलाल और कुपवाड़ा के टंगधार के अब्दुल रशीद शामिल है।
जांच में पाया गया कि सातों आरोपितों ने सोची समझी साजिश के तहत मादक पदार्थों की खरीद फरोख्त से जो पैसे उगाहे गए उन्हें जम्मू-कश्मीर व देश के अन्य प्रदेशों में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया। इस पैसे की उगाही में सीमापार बैठे प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन का सहयोग रहा। शुरुआत में यह मामला कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा पुलिस स्टेशन में 11 जून, वर्ष 2020 में दर्ज किया गया था।
सर्वप्रथम पुलिस ने अब्दुल मोमीन पीर को पुलिस ने दो किलो हेरोइन सहित पकड़ा था। मोमीन ने हेरोइन को एक वाहन में छुपा कर रखा था जिसे पुलिस ने नाके पर जांच के बाद बरामद किया। मोमीन पीर से पुलिस ने जब गहनता से पूछताछ की तो उसके ठिकाने से 15 किलोग्राम हेरोइन बरामद की। एनआइए ने 26 जून, वर्ष 2020 में दोबारा मामला दर्ज किया था।