जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि वह अपने भाषणों में जिन महापुरुषों का जिक्र करते हैं, उनके विचार, मोदी की सोच से बिलकुल उल्टे थे। साथ ही गहलोत ने कहा कि देश में हालात बहुत गंभीर हैं। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गहलोत ने सदन मे कहा कि मोदी बस नाम लेते हैं जबकि ‘‘मैं दावे से कह सकता हूं कि इन महापुरुषों के विचार से बिलकुल उल्टे विचार प्रधानमंत्री मोदी के हैं। राजस्थान के सीएम ने कहाकि अब पीएम नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान में श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम नहीं ले रहे, केवल रबीन्द्रनाथ ठाकुर टैगोर का नाम ले रहे हैं।
गहलोत ने कहाकि खुशी है कि वह गुरुवर ठाकुर का नाम लेते हैं, अच्छी बात है। रबीन्द्रनाथ ठाकुर का नाम लें, महात्मा गांधी का नाम लें, सरदार (वल्लभ भाई) पटेल का नाम लें, डॉ. (भीम राव) आंबेडकर का नाम लें, कोई दिक्कत नहीं। ये सभी लोग बड़े महापुरुष हुए हैं।
गहलोत ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहाकि आरएसएस भक्तों ने 50 साल तक तिरंगा झंडा नहीं लहराया देश में, अब लहराने लग गए हैं। सत्ता इतनी प्यारी हो गयी है कि सबकुछ भूलकर ना कोई विचारधारा नहीं, न नीति है, न कार्यक्रम, पर हिंदुत्व की बात करो और सत्ता में कैसे भी आओ।
इसलिए प्रधानमंत्री सिर्फ महापुरुषों का नाम भर लेते हैं, सीएम ने कहा कि मैं दावे से कह सकता हूं कि इन महापुरुषों के विचार से बिलकुल उल्टे हैं मोदी के विचार। फिर भी नाम लेते हैं। उन्होंने विपक्षी भाजपा के संदर्भ में कहाकि आप तो सरकारें गिराओ, इनकम टैक्स के छापे पड़वाओ, ईडी को घर में भेजो।
यह धंधा कब तक करते रहोगे आप लोग? बचो इससे बचो. समझाओ अपने नेताओं को दिल्ली में. वरना जनता आने वाले समय में आपको माफ नहीं करेगी। वह आपको जिस प्रकार फर्श से अर्श पर ले गयी, अर्श से फर्श पर भी ले आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे छह साल में न कभी जवाहर लाल नेहरू का नाम लिया, इंदिरा गांधी की शहादत का जिक्र किया और न राजीव गांधी के योगदान की बात की। गहलोत ने कहाकि उनकी गिनती इतनी पक्की है कि भूल से भी इंदिरा गांधी, राजीव गांधी का नाम नहीं आना चाहिए।
भूल से भी जवाहर लाल नेहरू का नाम नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहाकि उन जवाहर लाल नेहरू के बारे में भाजपा व आरएसएस वाले क्या- क्या टिप्पणी करते हैं। मैं सदन को बता नहीं सकता। क्या देश का दुर्भाग्य नहीं है कि ऐसे लोग सत्ता में बैठे हुए हैं जो देश के प्रथम प्रधानमंत्री के लिए एक शब्द नहीं बोल
पाते? गहलोत ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को राज्यपाल द्वारा आगे नहीं भेजे जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहाकि गोमाता का नाम तो भाजपा वाले लेते रहते हैं कि लेकिन राज्य में गायों के लिए निदेशालय
उनकी सरकार ने बनाया और गऊशालाओं को अनुदान देने काम भी उन्होंने ही शुरू किया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने विभिन्न योजनाओं, बेरोजगारी भत्ते व महंगी बिजली को लेकर राज्य सरकार को घेरा। चर्चा के बाद सदन ने धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।
वहीं मुख्यमंत्री के जवाब के बाद संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में आरएसएस के एक कार्यकर्ता पर हमले को लेकर उनके खिलाफ लगे आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष कटारिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपको अधिकार देता हूं आप जांच करवा लें और जांच करवाकर रिपोर्ट सदन में रख दें। अगर मैं कसूरवार पाया गया तो इस्तीफा दे दूंगा वरना (भाजपा विधायक) मदन दिलावर से माफी मंगवा देना। इस्तीफा नहीं चाहिए बस माफी मंगवा देना।
इसके साथ ही धारीवाल ने गणतंत्र दिवस के दिन नयी दिल्ली लाल किला पर उपद्रव मचाने के मामले में गिरफ्तार पंजाबी गायक दीप सिद्धू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के साथ कथित फोटो भी सदन में दिखाई।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इस तरह
हमलों के मामले की आलोचना की जानी चाहिए, लेकिन बिना किसी तथ्य के किसी के खिलाफ आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि महज फोटो के आधार पर किसी पर आरोप लगाना अनुचित है।आज की कार्यवाही के बाद सदन की कार्यवाही 24 फरवरी तक स्थगित कर दी गई।