लखनऊ : भारत निर्वाचन आयोग यूपी विधानसभा की उन चार रिक्त सीटों पर उपचुनाव करा सकता है जिनका कार्यकाल एक वर्ष से अधिक बचा है। चूंकि प्रदेश में विधान चुनाव भी अगले वर्ष की शुरुआत में होने हैं इसलिए आयोग विधि विशेषज्ञों से विचार विमर्श करने के बाद जल्द निर्णय लेगा।
यह सीटें औरैया, लखनऊ पश्चिम, बरेली की नवाबगंज व रायबरेली की सलोन सीट है। आयोग ने बुधवार को देश के उन सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और गृह सचिव से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बाढ़ और कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली जहां उपचुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश में कुल सात सीटें इस समय रिक्त हैं
औरैया सीट रमेश चन्द्र दिवाकर, लखनऊ पश्चिम सीट सुरेश कुमार श्रीवास्तव, नवाबगंज (बरेली) सीट केसर सिंह, सलोन (रायबरेली) सीट दल बहादुर, चरथावल (मुजफ्फरनगर) सीट विजय कुमार कश्यप व अमापुर (कासगंज) सीट देवेन्द्र प्रताप सिंह के निधन हो जाने के कारण रिक्त हुई हैं। चूंकि उत्तर प्रदेश विधानसभा की पहली बैठक 15 मई 2017 को हुई थी, इसलिए इसका कार्यकाल 14 मई 2022 तक है।
औरैया व लखनऊ पश्चिम सीट इस साल 23 अप्रैल को रिक्त हुई हैं। नवाबगंज सीट 28 अप्रैल व सलोन सात मई को रिक्त हुई हैं। वहीं, चरथावल 18 मई व अमापुर 31 मई को रिक्त हुई हैं। सातवीं सीट रामपुर की स्वार विधानसभा है, जो सपा नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद होने के कारण खाली हुई है। यह सीट 16 दिसंबर, 2019 को रिक्त हुई थी।
मामला कोर्ट में चलने के कारण यहां का भी उपचुनाव नहीं हो सका है। उत्तर प्रदेश के साथ जिन चार राज्यों का चुनाव 2017 में हुआ था उनमें गोवा का कार्यकाल 15 मार्च, मणिपुर का 19 मार्च, उत्तराखंड का 23 मार्च व पंजाब का 27 मार्च को खत्म होगा। यदि इस बार भी पांचों राज्यों के चुनाव साथ हुए तो अगले साल की शुरुआत में ही विधान सभा चुनाव होंगे।

ऐसे में यदि उपचुनाव हुए तो तीन माह से अधिक का कार्यकाल सदस्यों को नहीं मिल पाएगा। प्रदेश के अफसरों ने चुनाव आयोग को सारे तथ्यों की जानकारी दे दी है। साथ ही यह भी बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण काबू में है और जहां उपचुनाव होने हैं वहां बाढ़ की कोई समस्या नहीं है। सारी परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग जल्द ही इस पर फैसला लेगा।