बेंगलुरु : कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने गुरुवार को मैसूर में सामूहिक बलात्कार की घटना के संदर्भ में की गई ‘दुष्कर्म संबंधी अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया।
उनकी टिप्पणी मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई और विपक्षी दल कांग्रेस को रास नहीं आई। कांग्रेस के तीखे तेवर व सीएम का रुख देख गृह मंत्री ने बाद में अपना बयान वापस ले लिया।
गृह मंत्री की टिप्पणी कि सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता और उसके दोस्त को सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए था और उनका यह दावा कि कांग्रेस उन्हें निशाना बनाकर ‘दुष्कर्म’ करने की कोशिश कर रही है पर बवाल मच गया। गृह मंत्री की टिप्पणी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस ने गृह मंत्री और सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार राज्य के लोगों की रक्षा करने में अक्षम हैं। इस मुद्दे के बड़े विवाद में बदलने और मुख्यमंत्री द्वारा उनकी टिप्पणी को अस्वीकार करने पर ज्ञानेंद्र ने अपना बयान वापस ले लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे ज्ञानेंद्र द्वारा की गई टिप्पणियों से सहमत नहीं हैं। उन्होंने गृहमंत्री को स्पष्टीकरण देने की सलाह दी। उल्लेखनीय है मैसुरु दुष्कर्म कांड को लेकर गृहमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि शाम सात-साढ़े सात बजे पीड़िता अपने दोस्त के साथ मौके पर गई थी। इन दोनों को सुनसान जगह नहीं जाना चाहिए था। लेकिन हम किसी को जाने से नहीं रोक सकते।
घटना के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर कांग्रेस की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि दुष्कर्म मैसूर में हुआ लेकिन कांग्रेस मेरा दुष्कर्म करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस गृह मंत्री का दुष्कर्म करना चाहती है। वे राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक अमानवीय कृत्य है।
उनके बयान के लिए गृह मंत्री पर हमला करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने पुलिस से गृह मंत्री के साथ दुष्कर्म में शामिल उनकी पार्टी के लोगों को गिरफ्तार करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि चाहे वे खुद हों या कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया या कोई अन्य नेता किसी को न छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री इस तरह के बयान देकर दुष्कर्म शब्द को बहुत हल्के में ले रहे हैं।