कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हजारों करोड़ रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में आरोप पत्र दायर किया है। इसमें तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष को भी आरोपित बनाया गया है। इसके बाद उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है।
गौरतलब है कि सारधा घोटाले में 2014 में इसके सरगना सुदीप्त सेन व देबजानी मुखर्जी के साथ-साथ बंगाल पुलिस की तत्कालीन विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने कुणाल घोष को भी गिरफ्तार किया था। वह लंबे समय तक जेल में भी रह थे। अब जब कि ईडी के चार्जशीट में भी कुणाल घोष का नाम है तो उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। साथ ही ईडी पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। ईडी के अलावा इस मामले की जांच सीबीआइ भी कर रही है।
उन्होंने कहा कि जब 2013 में ये मामला उठा था, तो उन्होंने जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग किया था। इसके अलावा उन्होंने काफी अहम सुबूत भी दिए थे, लेकिन ईडी को चार्जशीट दाखिल करने में आठ साल का वक्त लग गया। वहीं, केंद्र पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये सब करके मोदी सरकार मेरे ऊपर दबाव नहीं बना सकती है।
गौरतलब है कि सारधा चिटफंड कंपनी ने निवेशकों को कई गुना अधिक ब्याज देने का वादा कर हजारों करोड़ रुपये ठग लिए थे। इस मामले के पर्दाफाश के बाद तृणमूल के कई नेता व मंत्री के नाम सामने आए थे। इसमें मदन मित्रा प्रमुख थे। मामले में मित्रा की भी गिरफ्तारी हुई थी और काफी समय तक वह जेल में रहे थे। अभी वह जमानत पर बाहर हैं।