चंडीगढ़ : पंजाब में सडक़ हादसों के दौरान जाती जानें बचाने को प्राथमिकता देते हुये पंजाब सरकार ने सडक़ सुरक्षा कामों में सहायता के लिए माहिर संस्थाओं, यूनिवर्सिटियों/ कॉलजों, ग़ैर-सरकारी संगठनों और रजिस्टर्ड सोसाइटियों को शामिल करने का फ़ैसला किया है।
परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि यह संस्थाएं राज्य या केंद्र सरकार के पास रजिस्टर्ड होंगी और सडक़ सुरक्षा के कामों जैसे कि सडक़ सुरक्षा ऑडिट, हादसों सम्बन्धी जांच, एम्बुलेंस मैपिंग, अधिक हादसों वाले स्थानों की शिनाख़्त, भाईवालों का प्रशिक्षण और राज्य में सडक़ सुरक्षा सम्बन्धी जागरूकता मुहिमें आदि कामों में शामिल होंगी।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सडक़ सुरक्षा कामों में माहिर संस्थाओं के साथ जल्द से जल्द तालमेल करने और उनको सूचीबद्ध करने का काम पंजाब राज्य सडक़ सुरक्षा कौंसिल को सौंपा गया है, जो सडक़ सुरक्षा संबंधी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के निर्देशों के अंतर्गत गठित सडक़ सुरक्षा के बारे लीड एजेंसी है और पंजाब में अलग-अलग यातायात प्रबंधों और सडक़ सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन और इन प्रबंधों की निगरानी करती है।
योग्य संस्थाओं को दो सालों की मियाद के लिए सूचीबद्ध किया जायेगा और समय-समय पर यातायात प्रबंधन और सडक़ सुरक्षा से सम्बन्धित काम सौंपा जायेगा। यह संस्थाएं लीड एजेंसी और राज्य सरकार को विशेष तौर पर ‘‘पंजाब में यातायात प्रबंधन और सडक़ सुरक्षा के लिए एक्शन प्लान’’ तैयार करने में तकनीकी सहायता प्रदान करेंगी और साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों, राज मार्गों और पंजाब की अन्य प्रमुख जि़ला सडक़ों पर यातायात प्रबंधन के प्रति सडक़ सुरक्षा भाईवालों को जागरूक करने और सामथ्र्य बढ़ाने के लिए काम करेंगी।
उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध संस्थाएं/अदारे सडक़ सुरक्षा पर लीड एजेंसी, ट्रैफिक़ पुलिस और परिवहन विभाग को काम करने और विश्वसनीय निष्कर्ष प्रदान करेंगे और अपेक्षित समर्थन देंगे ताकि बेहतर सडक़ सुरक्षा प्रबंधन और सुरक्षा का माहौल बनाया जा सके।
यह संस्थाएं पंजाब में सडक़ सुरक्षा सम्बन्धी जागरूकता सामग्री जैसे पोस्टर, पैम्फलेट, स्किट, वीडियो/ ऑडियो सामग्री आदि तैयार करने, जि़ला सडक़ सुरक्षा कमेटियों के सहयोग के साथ सडक़ सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता मुहिमें चलाने, राहगीरों के व्यवहार जांचने और सर्वेक्षण के लिए सूचना, शिक्षा और संचार सामग्री तैयार करने, मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 135 के अंतर्गत केंद्र/राज्य के दिशा- निर्देशों के मुताबिक सडक़ हादसों की जांच के लिए ट्रैफिक़ इनफोरसमैंट, इंजीनियरिंग और अन्य सम्बन्धित एजेंसियों की सहायता करने, राज मार्गों, प्रमुख जि़ला सडक़ों और राष्ट्रीय राजमार्गों आदि पर आई.आर.सी. के दिशा-निर्देशों अनुसार सडक़ सुरक्षा ऑडिट करने, पंजाब में अधिक हादसों वाले स्थानों की शिनाख़्त और समीक्षा करने और अलग-अलग सडक़ हादसों/ट्रैफिक डेटा या अन्य उपलब्ध डेटा और रिपोर्टें तैयार करने के लिए लीड एजेंसी को सहायता प्रदान करेंगी।
उन्होंने कहा कि संस्थाओं पर राज्य सरकार द्वारा किसी भी पुराने प्रोजेक्टों में रोक ना लगी हो या ब्लैकलिस्ट ना की हो और इन संस्थाओं को चुने कम्युनिटी ग्रुपों में जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय रणनीतियों और मुहिमों को तैयार करने, विकसित करने और चलाने में महारत होनी चाहिए। इन संस्थाओं के लिए सडक़ सुरक्षा ऑडिट/अधिक हादसों वाले स्थानों की शिनाख़्त करवाने, मोबिलटी योजनाओं और अन्य सहायक क्षेत्रों में राज्य, जि़ला और उप-जि़ला स्तर पर सम्बन्धित हिस्सेदार विभागों के साथ सामान प्रोजेक्टों के प्रबंधन और उचित पेशेवरों द्वारा किसी अन्य क्षेत्र में इस तरह के प्रोजेक्टों को लागू करने का तजुर्बा होना लाजि़मी है।
सडक़ सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के कामों में उपयुक्त तजुर्बा रखने वाली संस्थाएं या माहिर संस्थाएं 3 अक्तूबर तक आवेदन कर सकती हैं। संस्थाएं लीड एजेंसी की ई-मेल पर सम्बन्धी दस्तावेज़ों के साथ आवेदन ऑनलाइन भेज सकती हैं या लीड एजेंसी के दफ़्तर में निजी तौर पर आवेदन जमा करवा सकती हैं।