कांगड़ा : उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में आई तेज बारिश और लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते लोगों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं, मंगलवार को हिमाचल के कांगड़ा में मलबे को हटाकर चार और शव बरामद किए गए। मृतकों में भाई-बहन भी शामिल हैं। हादसे में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पांच अभी मलबे में ही दबे हैं।
राहत और बचाव टीमों ने मंगलवार सुबह ही रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर दिया था, लेकिन 10 बजे बारिश शुरू होने से करीब दो घंटे तक बचाव कार्य बंद करना पड़ा।
बता दें कि मस्तो देवी का शव सोमवार सायं ही निकाल लिया था, जबकि उनके पति भीमो राम अभी तक मलबे में ही है। दोपहर बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहले रुलेहड़ का हवाई दौरा किया और बाद में खुद ही घटनास्थल पर पहुंचे। मुख्यमंत्री प्रभावित परिवारों से भी मिले।
उन्होंने जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए। जयराम ठाकुर ने कहा, प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी व उनका पुनर्वास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के मकान आपदा में क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें भी सरकार मकान बनाने के लिए हरसंभव सहयोग देगी।
यह था मामला : सोमवार सुबह जिला कांगड़ा में मूसलधार बारिश से रुलेहड़ गांव में भूस्खलन हुआ था और इसकी चपेट में आने से छह मकान दब गए थे और 15 लोग लापता हो गए थे।
अभी तक पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। पांच लोगों की मलबे में दबने के मौत हो गई, जबकि शेष अभी मलबे में ही हैं।