नई दिल्ली : असम और मिजोरम के बीच शांति की राह निकलने लगी है। दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा से फोन पर बात की।
इस दौरान सार्थक बातचीत के जरिये सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का फैसला किया गया।
केंद्र सरकार के दो शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि असम-मिजोरम सीमा पर हाल में हुए संघर्ष की सीबीआइ जैसी किसी तटस्थ एजेंसी से जांच कराने की केंद्र की कोई योजना नहीं है, लेकिन वह विवाद का जल्द से जल्द शांतिपूर्ण समाधान करने की कोशिश कर रहा है। केंद्र सरकार ऐसा कोई निर्णय नहीं लेना चाहती जिससे स्थिति और बिगड़े।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार असम और मिजोरम के बीच मौजूदा सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहती है तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों मुख्यमंत्रियों के लगातार संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा कि असम या मिजोरम में से किसी भी राज्य ने किसी तटस्थ एजेंसी से जांच कराने का कोई औपचारिक आग्रह नहीं किया है। इनमें से एक अधिकारी ने कहा, ‘दोनों राज्य सरकारें सहयोग कर रही हैं तथा केंद्र सरकार को विश्वास है कि सीमा पर अब और कोई संघर्ष नहीं होगा।’
दोनों अधिकारियों ने तनाव कम करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए बताया कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों ने 28 जुलाई को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाग लिया था जिसमें संघर्ष स्थल पर एक तटस्थ बल (सीआरपीएफ) तैनात करने का निर्णय हुआ। इससे पहले, दोनों मुख्य सचिवों ने दिल्ली में एक द्विपक्षीय बैठक में मुलाकात की थी।