पटना : जम्मू-कश्मीर के आतंकियों को हथियार आपूर्ति के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) और बिहार के आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने बिहार के सारण जिले के देवबहुआरा पट्टी गांव से गुरुवार को अरमान (20) को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले भी एनआइए की टीम इसी गांव के दो भाइयों जावेद और मुश्ताक को इसी मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों अभी जम्मू की जेल में बंद हैं।

एनआइए और बिहार एटीएस की टीम ने पूछताछ के बाद अरमान को छपरा के सीजेएम कोर्ट में पेश किया जहां कोर्ट ने चार दिनों की ट्रांजिट रिमांड दे दी।

एनआइए उसे लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गई। वहां से उसे जम्मू ले जाया जाएगा। पूरा मामला जम्मू के आतंकियों को बिहार से पिस्टल समेत अन्य हथियारों की सप्लाई से जुड़ा है।
फरवरी में जम्मू के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसका पर्दाफाश किया था जिसके बाद 16 फरवरी को हथियार आपूर्ति के आरोप में मढ़ौरा के देव बहुआरा पट्टी गांव से एनआइए ने रिटायर्ड शिक्षक के पुत्र जावेद को गिरफ्तार किया था।
इसके पहले चंडीगढ़ में पढ़ने वाले जावेद के भाई मुश्ताक की भी इसमें संलिप्तता पाई गई थी जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।
जावेद ने बताया था कि दो माह पूर्व उसने गांव के ही युवक अरमान को एक बैग संभावित ठिकाने पर पहुंचाने के लिए दिया था। इसके बाद से ही एनआइए व बिहार एटीएस की टीम अरमान की तलाश में जुट गई थी।
कोर्ट ने भेजा था नोटिस, नहीं हाजिर हुआ अरमान : अरमान को मामले में गवाही देने के लिए जम्मू-कश्मीर कोर्ट से नोटिस भेजा गया था, मगर नोटिस के एवज में गवाही देने के लिए वह नहीं गया।
इसके बाद एनआइए व एटीएस की टीम अरमान को गिरफ्तार करने के लिए मढ़ौरा स्थित उसके गांव पहुंची। तड़के चार बजे उसे घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद उसे मढ़ौरा थाने में रखकर लंबी पूछताछ की गई। 10 हजार में की थी बैग की डिलीवरी : सूत्रों के अनुसार, अरमान ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने जावेद के बताए पते पर बैग की डिलीवरी की थी।
इसके एवज में उसे दस हजार रुपये मिले थे। जब जांच अधिकारियों ने उससे पूछा कि बैग में क्या था तो उसने जानकारी देने से इन्कार कर दिया।