नई दिल्ली : शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में संबोधन देते हुए संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का डाक तंत्र अभूतपूर्व बदलावों से गुजर रहा है। उन्होंने इंडिया पोस्ट — दुनिया के सबसे बड़े डाक नेटवर्क — के विस्तार, आधुनिकीकरण और सेवा-कुशलता में हुई प्रगति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में भारतीय डाक 1.64 लाख डाकघरों का संचालन कर रही है, जिन्हें 2.78 लाख ग्रामीण डाक सेवकों का सहयोग प्राप्त है। उन्होंने ग्रामीण डाक सेवकों की सेवा को “देश की भावनाओं को जोड़ने वाली कड़ी” बताते हुए उनकी भूमिका की सराहना की।
डाक सेवाओं के विस्तार में बड़े कदम : सिंधिया ने बताया कि पिछले वर्षों में सरकार ने दूरदराज़ और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी तेजी से डाक सेवाओं का विस्तार किया है. 4,903 नए डाकघर वामपंथ प्रभावित इलाकों में खोले गए।
बैंकिंग सेवाओं से वंचित गांवों में 5,746 डाकघरों को मंजूरी मिली, जिनमें से 97% पहले ही शुरू किए जा चुके हैं।
11 वर्षों में कुल 10,170 डाकघर नेटवर्क में जोड़े गए।डाकघर भवनों के निर्माण और नवीनीकरण पर 405 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिसमें 49 ऐतिहासिक डाकघरों को संरक्षित “संस्थागत रत्न” के रूप में विकसित किया जा रहा है।
आधुनिकीकरण की ओर बड़ा कदम : केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इंडिया पोस्ट एक व्यापक बिज़नेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग (BPR) पहल शुरू कर रहा है, जिससे प्रथम-मील से लेकर अंतिम-मील तक डिलीवरी सिस्टम अधिक तेज़, डिजिटल और सेवा-उन्मुख होंगे।
उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट स्वचालन और वैश्विक लॉजिस्टिक्स मानकों को अपनाते हुए आने वाले समय में “दुनिया के प्रमुख लॉजिस्टिक्स कैरियर्स” की श्रेणी में शामिल होगा।


